देहरादून। महानिदेशक विद्यालय शिक्षा उत्तराखंड बंशीधर तिवारी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में भारी वर्षा, आपदा एवं भूस्खलन आदि के सम्बन्ध में सुरक्षा के दृष्टिगत स्थानीय परिस्थिति एवं विद्यालय की भौतिक स्थिति के आधार पर तात्कालिक निर्णय लिए जाने आवश्यक हो जाते है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में निम्नांकित बिन्दुओं के अनुसार तत्काल कार्यवाही किया जाना आवश्यक है:-
- सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की समीक्षा एवं विवेक पूर्ण निर्णय लेते हुए अतिवृष्टि आदि प्रतिकूल परिस्थितियों के दृष्टिगत स्थानीय आवश्यकतानुसार विकासखण्ड /जनपद के अवकाश हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी के अनुमोदनोपरान्त तत्काल अवकाश हेतु निर्णय लिया जाये।
- बच्चों के निवास स्थान से विद्यालय आवगमन में नदी, नाले उफान में होने, बाढ़ व भूस्खलन की सम्भावना होने की स्थिति प्रतीत होती हो, तो उक्त क्षेत्र के छात्र-छात्राओं हेतु ऑनलाइन शिक्षण सुविधा प्रदान करते हुए, विद्यालय में उपस्थिति की बाध्यता को शिथिल की जाये।
- विद्यालयों के जर्जर भवनों / कक्षों, आस-पास के परिवेश, विद्यालय के निकट भूस्खलन, जर्जर छत, किचन, जर्जर पेड़, विद्युत लाइन कनेक्शन स्विच बोर्ड आदि एवं अन्य शिक्षण स्थलों का समग्र रूप से अवलोकन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। जर्जर कक्षों में पठन-पाठन कदापि न कराया जाय। यदि निकट परिसर में सुरक्षित पंचायत भवन / अन्य राजकीय भवन उपलब्ध होता हो तो उक्त स्थल का समुचित निरीक्षण करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
- संस्थाध्यक्ष एवं कक्षाध्यापकों द्वारा प्रत्येक अभिभावक का मोबाईल नम्बर अवश्य प्राप्त कर लिया जाये ताकि उनके पाल्यों के पठन-पाठन, अवकाश आदि के सम्बन्ध में आवश्यकतानुसार यथासमय जानकारी दी जा सके।
अतः उपरोक्त बिन्दुओं की ओर आपका व्यक्तिगत ध्यान आकृष्ट करते हुए अनुरोध है कि सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रतिकूल स्थानीय मौसम से अनुसार विद्यालय संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
इधर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री डिगर सिंह पडियार ने कहा कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए आपदा की स्थिति में विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों को निर्णय लेने का अधिकार DG Sir द्वारा दिया गया है जो कि अत्यंत विवेकपूर्ण एवं स्वागत योग्य निर्णय है।