जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा नैनीताल गोपाल स्वरूप द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गत दिवस उन्होंने ओखलकांडा ब्लॉक के अंतर्गत कुछ विद्यालयों का निरीक्षण किया तो एक विद्यालय में पाठ्य पुस्तकों का वितरण न्यूनतम स्तर पर पाया गया, जिसके लिए उन्होंने उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं संकुल प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ओखलकांडा ब्लॉक के अंतर्गत पाठ्य पुस्तकों के वितरण को लेकर संबंधित प्रधानाध्यापक एवं संकुल प्रभारी बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। जबकि 9 जून 2022 को आयोजित बैठक के दौरान सभी को स्पष्ट रूप से जानकारी एवं निर्देश दे दिए गए थे। उन्होंने आगामी 27 जून को ओखलकांडा ब्लॉक के सभी खंड शिक्षा अधिकारी, उप शिक्षा अधिकारी एवं संकुल प्रभारियों को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सभागार में उपस्थित रहने के सख्त निर्देश दिए हैं।
इधर शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाध्यापक एवं संकुल प्रभारी के खिलाफ की गई उक्त कार्रवाई से शिक्षक संगठनों में उबाल आ गया है।उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन जनपद नैनीताल के जिला मंत्री डिगर सिंह पडियार ने कहा है कि सत्र प्रारंभ होने से पूर्व से ही प्रधानाध्यापक अपने विद्यालय में निशुल्क पाठ्य पुस्तकों की कई बार मांग विभाग से कर चुके है, विभाग द्वारा समय पर पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गई है, विभागीय अधिकारियों पर उच्चाधिकारियों का दबाव है, जब किताबें ही विद्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है तो प्रधानाध्यापक किताबें कहां से वितरित करेगा, यह सोचनीय विषय है, शिक्षको पर इस प्रकार की कार्यवाही हेतु उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन में गहरा रोष व्याप्त है, प्राथमिक शिक्षक संगठन मांग करता है कि जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए जिन्होंने समय पर पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई, शिक्षको पर कार्यवाही किये जाने का उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन पुरजोर विरोध करता है |