उत्तराखण्ड

नैनीताल हाईकोर्ट में एक प्रदेश एक रॉयल्टी को लेकर हुई सुनवाई में यह तथ्य आये सामने…. इस तारीख को आएगा फैसला….. पढ़ें विस्तृत खबर

एक प्रदेश एक रॉयल्टी को लेकर उच्च न्यायालय नैनीताल में खनन व्यवसायी हरीश चौबे एवं अन्य की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई, और न्यायालय द्वारा सभी पक्षों को सुना गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मेंनाली ने बताया कि याची पक्ष की ओर से यह तर्क रखा गया कि हम कारोबारी जो राजस्व का फायदा पहुंचा रहे हैं और सरकार की संस्था वन विकास निगम जिसके कारण चल रही है उन लोगों पर दोहरी मार डाली जा रही है, जबकि निजी नाप भूमि, जल मग्न भूमि, समतलीकरण रिवर ट्रेनिंग आदि सभी प्रकार की खनन गतिविधि में आरबीएम ही निकलता है, परंतु उस पर रॉयल्टी का रेट कम रखा गया है, जबकि हम लोगों पर सरकार द्वारा असमानता का व्यवहार कर कारोबार को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। साथ ही यह बिंदु भी उठाया गया कि अन्य जगहों पर खनन किए जाने पर मशीनों का प्रयोग अनुमन्य है जबकि गोला में मात्र चुगान के माध्यम से खनन हो रहा है एक तरफ रॉयल्टी अधिक होना और दूसरी तरफ मैनुअल माइनिंग दोनों कारणों से याचिकाकर्ताओं का कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। कोर्ट ने तर्कों को गंभीरता से सुनते मामले को एडमिशन के आधार पर 30 नवंबर को अंतरिम आदेश के लिए नियत किया है। वही डंपर एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है, अवश्य ही न्याय की विजय होगी और 30 नवंबर को खनन व्यवसायियों के पक्ष में फैसला सुनाया जाएगा।

To Top