देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिया। एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। वहीं, जिला पंचायतों में सात, क्षेत्र पंचायत प्रमुख में 48 और ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के लिए 3909 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 18 जून 2025 को किया जाएगा।
पंचायतों में आरक्षण के लिए जारी शासनादेश के मुताबिक राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के 2025 के चुनाव के लिए पदों एवं स्थानों पर आरक्षण का निर्धारण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर किया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जाति के लिए दो एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए दो पर आरक्षित किए जाएंगे।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख के पदों पर अनुसूचित जनजाति के लिए तीन, अनुसूचित जाति के लिए 18 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15 पद आरक्षित होंगे। जबकि ग्राम पंचायत प्रधान के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए 226 पद, अनुसूचित जाति के लिए 1467 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1250 पद आरक्षित किए गए हैं।
प्रधान पदों की संख्या का विवरण 11 जून
आरक्षण प्रस्तावों का अनंतिम प्रकाशन 13 जून
आरक्षण प्रस्तावों पर आपत्तियां प्राप्त करना 14 से 15 जून
डीएम की ओर से आपत्तियों का निस्तारण 16 से 17 जून
आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 18 जून
आरक्षण प्रस्ताव निदेशालय को उपलब्ध 19 जून
आरक्षण प्रस्ताव शासन व राज्य निर्वाचन आयोग को 19 जून
पंचायतों में आरक्षण के लिए जो फार्मूला तय किया गया है उसके मुताबिक राज्य में संंबंधित जाति की संख्या को कुल जनसंख्या से भाग देते हुए कुल अध्यक्ष पदों की संख्या से गुणा किया गया है।
