कैंची धाम का 58वां स्थापना दिवस आज 15 जून बुधवार को पूरे दो साल बाद धूमधाम के साथ शुरू हो चुका है। बुधवार सुबह पूजा-अर्चना कर छह बजे बाद बाबा नीब करौली महाराज को मालपुए का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को लाइन में खड़ा कर प्रसाद दिया जा रहा है।
कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद मेले के लिए दो लाख श्रद्धालु अब तक मंदिर प्रांगण के आसपास पहुंच चुके हैं। जोकि सुबह चार बजे से लाइन में लगकर बाबा के दर्शन के लिए पहुचें। इसके लिए मंदिर समिति और पुलिस-प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था के हिसाब से दर्शन कराए जा रहे हैं।
मंदिर में धक्का-मुक्की न हो इसके लिए रस्सियों के सहारे लाइन बनाकर दर्शन कर प्रसाद लेने की व्यवस्था की गई है। विदित रहे कि रविवार से ही मालपुवे बनाने शुरू कर दिए गए थे। पुलिस प्रशासन की कंट्रोल रूम बनाकर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने को उचित तैयारी है। लोगों की मदद के लिए मौके पर पुलिस मुस्तैद है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद साह के नेतृत्व में पुलिस बल प्रातः से ही मौके पर व्यवस्था संभाले हुए हैं। इस दौरान वाहनों को खैरना से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कैंची धाम से पहले पनिराम ढाबे के पास वाहनों को खड़ा किया जा रहा है।
भवाली से आने वाले दोपहिया वाहन जंगलात बैरियर पर शटल सेवा तक जा रहे हैं, उससे आगे श्रद्धालु पैदल मंदिर तक जा रहे हैं। कैंची धाम के मुख्य गेट तक वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं। यहां जीरो जोन बनाया गया है। वहीं क्वारब से वाहन रामगढ़ होते हुए खुटानी आ रहे हैं।
कैंची धाम में अब तक लकड़ी के चूल्हे में मालपुवे का प्रसाद तैयार किया जाता था इस बार पहली बार गैस के गैस के भट्ठों पर मालपुओं का प्रसाद बनाया जा रहा है। प्रसाद बनाने को में करीब 8 से 10 छोटे-बड़े गैस के भट्ठे लगाए गए हैं। शुद्ध देशी घी से बने मालपुआ बनाने के यहां अलग नियम हैं। प्रसाद बनाने में वही श्रद्धालु भाग ले सकता है, जो व्रत लेकर आए और धोती, कुर्ता धारण कर उस अवधि में लगातार हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा हो।