हल्द्वानी। अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात प्रकाश पांडे उर्फ पीपी का एक पत्र इन दिनों वायरल हो रहा है। अल्मोड़ा के जेल अधीक्षक को लिखे पत्र में उसने संन्यास लेने के लिए जेल परिसर स्थित मंदिर में अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी है। इस पत्र के कई मायने निकाले जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि 14 साल से जेल में बंद पीपी के भागने का नया प्लान तो नहीं है। जेल प्रशासन ने भी सवाल उठाकर अनुष्ठान कराने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। प्रकाश पांडे उर्फ पीपी अंडरवर्ड डॉन है। उसे वर्ष 2010 में मलयेशिया से पकड़ा गया था। तब से वह अल्मोड़ा जेल में आजीवन कारावास भुगत रहा है। उसके खिलाफ देशभर के थानों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। हत्या, लूट समेत कई मामले में अब भी सुनवाई चल रही है। पीपी ने 13 मार्च को अल्मोड़ा जेल अधीक्षक को एक पत्र लिखा था। इसमें अल्मोड़ा जेल के बाहर मंदिर में अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी थी। इस अनुष्ठान में वह दीक्षा लेकर संन्यासी बनना चाहता है। पीपी ने पत्र में कहा था कि वह गो सेवा, राष्ट्र सेवा करना चाहता है। उसे अपने पूर्व में किए कामों पर पश्चाताप है। अब जेल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि पीपी को यदि संन्यास लेना ही था तो वह बिनौ धार्मिक कार्यक्रम के भी ले सकता है। इसके लिए उसके अनुष्ठान की जरूरत क्यों पड़ी। जेल प्रशासन इसके पीछे बड़ी साजिश का अंदेशा जता रहा है। साथ ही डीआईजी जेल को अवगत करा दिया है।
प्रकाश पांडे उर्फ पीपी ने संन्यास लेने के लिए जेल परिसर स्थित मंदिर में अनुष्ठान करने की अनुमति मांगी है। वह इसमें दीक्षा देने के लिए बाहर से किसी को बुलाना चाहता है। पीपी को अगर अपने किए पर पश्चाताप है तो वह वैसे भी संन्यास ले सकता है। अनुष्ठान कराने और अपने पत्र को वायरल कराने की क्या जरूरत है। ऐसा प्रकरण पहली बार सामने आया है। डीआईजी जेल को पूर्व में अवगत करा दिया गया है। उसका पत्र भी मुख्यालय भेजा गया है। उसके खिलाफ अब भी कई मामले न्यायालय में लंबित हैं।
- जयंत पांगती, जेल अधीक्षक अल्मोड़ा