राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जब उत्तराखण्ड सरकार सम्पूर्ण प्रदेश मे राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित कर रही है। उस दौरान उत्तराखंड के प्रमुख राज्य आंदोलनकारी के रूप में पूरे पहाड़ में आंदोलन की अलख जगाने वाले स्व0 निर्मल पंडित और उनके परिवार की अनदेखी से पहाड़ वासियों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। स्व0 निर्मल पंडित की माताजी वर्तमान में हल्द्वानी में अपनी पुत्रियो के साथ निवास कर रही है । कई बार सरकार से राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितो को मिलने वाली पेंशन दिलाये जाने के लिए प्रार्थना कर चुकी है। लेकिन आज दिन तक उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा स्व0 निर्मल पंडित की माता को राज्य आंदोलनकारी आश्रित होने के नाते कोई पेंशन प्रदान नहीं की गई है। जोकि अत्याधिक सोचनीय है जहां आज उत्तराखंड राज्य को बने 22 साल हो गए हैं लेकिन स्वर्गीय निर्मल पंडित और उनके परिवार को सरकार का स्मरण न करना यह पहाड़ के जनप्रतिनिधियों एवं सरकार के लिए हैरत की बात है।
इधर हल्द्वानी के वरिष्ठ एडवोकेट किशोर कुमार पंत का कहना है कि मीडिया में हल्ला मचाने से कुछ नहीं होगा सरकार को धरातल पर भी कार्य करना चाहिए और राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिवारों की सुध लेनी चाहिए।
किशोर कुमार पन्त एडवोके