उत्तराखण्ड

खनन व्यवसाई गौला नदी में वाहन उतारने को तैयार नहीं…..… इस कारण हुई जिलाधिकारी से वार्ता स्थगित……. यह कह रहे हैं विधायक…… पढ़ें खबर

लालकुआं। जब तक रेट नहीं तब तक गेट नहीं नारे के साथ मोटाहल्दू में गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले 47वें दिन धरना जारी रहा। वाहन स्वामियों ने दो टूक शब्दों में कहा लीज विस्तारीकरण की सैद्धांतिक सहमति के शेष बचे 24 दिन के लिए खनन व्यवसाई अपनी गाड़ियां गौला नदी में नहीं डालेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा गौला नदी की लीज विस्तारीकरण के लिए वैकल्पिक तौर पर 28 फरवरी तक सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है, परंतु खनन व्यवसाई इस अवधि में खनन कारोबार करने को राजी नहीं हो रहे हैं, उनका कहना है कि वाहनों को रिलीज कराने में ही उनका मोटा खर्चा हो जाएगा। इसके बाद यदि लीज की अवधि नहीं बढ़ी तो खनन व्यवसायियों को बेवजह भारी नुकसान वहन करना पड़ेगा, और इसी स्थिति के लिए वह अभी तैयार नहीं है, क्योंकि 1 साल से खनन व्यवसाय ही उन्होंने घाटे में किया है।

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संघर्ष समिति के संयोजक रमेश जोशी ने कहा कि सरकार ने 1 माह गौला खोलने की सैद्धांतिक सहमति तो दे दी है परंतु इस अवधि के लिए वाहन रिलीज कराना स्वामियों का पैसा बर्बाद करना है। उन्होंने कहा कि इस समय एक गाड़ी आरटीओ कार्यालय से रिलीज कराने के लिए 1 लाख रुपया चाहिए, 1 महीने के लिए वाहन स्वामी इतना पैसा खर्च करने की स्थिति में नहीं है, सरकार को कम से कम 3 महीने का एक्सटेंशन लेना चाहिए। मोटाहल्दू में 46 वें दिन चले धरने में दर्जनों खनन व्यवसाई शामिल हुए। जिसमें रमेश चंद्र जोशी, जीवन कबडवाल, हरीश चंद्र पांडे, लवली गिल, मोहम्मद शादाब, ललित जोशी, गोकुल भट्ट, राजू चौबे, मदन उपाध्याय, इंदर सिंह नयाल, पूरन पाठक, मनोज बिष्ट, नवल जोशी, नरेंद्र नैनवाल, सावन पथनी, बसंत जोशी, अनिल पंत, दीपक बचखेती, भुवन चंद्र पवार, मनोज चौधरी, अमरदीप पांडे, बंशीधर भट्ट, उमेश बर्जवासी, रेवाधर जोशी, संजय शर्मा, देवेंद्र पाल, गुड्डू पांडे, गणेश चंद्र, हरीश मेहता समेत कई वाहन स्वामी मौजूद रहें।
इधर जिलाधिकारी द्वारा आज दोपहर को खनन व्यवसायियों समेत तमाम संबंधित विभागों के अधिकारियों की बुलाई गई बैठक अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित हो गई, अब यह बैठक कल या परसों को होगी, खनन व्यवसायियों का कहना है कि जब तक स्टोन क्रेशर संचालक अपने रेट तय नहीं कर देते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इधर क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट का कहना है कि 28 फरवरी से पूर्व ही गौला नदी की लीज विस्तारीकरण की अवधि बढ़ जाएगी, क्योंकि संबंधित विभाग एवं कार्यदाई संस्था के अधिकारी युद्ध स्तर पर इसके लिए कार्य कर रहे हैं, तथा सरकार की नजर भी पूरे प्रकरण में बनी हुई है। उन्होंने खनन व्यवसाईयों से आह्वान किया कि वह आंदोलन का रास्ता छोड़कर अभिलंब खनन निकासी शुरू कर दें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस बार खनन व्यवसायियों को लक्ष्य के अनुरूप पूरे चक्कर मिलेंगे। उनका कहीं भी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
फोटो परिचय मोटाहल्दू में रेट नहीं तो गेट नहीं के नारे को लेकर धरना प्रदर्शन करते खनन व्यवसाई

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