गौला खनन संघर्ष समिति देवरामपुर, आंवलाचौक और हल्दूचौड़ गेट में खनन व्यवसायियों की अलग-अलग बैठको में सभी निकासी गेटों के खनन व्यवसायियों को एकजुट करके गौला निकासी गेट खोलने से पूर्व समतलीकरण के नाम पर रॉयल्टी तथा स्टोन क्रेशरों की मनमानी को लेकर वृहद स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति तय की गयी।
यहां देवरामपुर, हल्दूचौड़ और आंवला चौक गेट के अंतर्गत खनन व्यवसायियों की आयोजित अलग-अलग बैठको में वक्ताओं ने कहा कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने समतलीकरण एवं पट्टों में 7 रुपए प्रति कुंटल की रॉयल्टी निर्धारित की है। वही गौला नदी में खनन कार्य पर 32 रुपए रॉयल्टी के रूप में वसूले जा रहे हैं, जो कि किसी भी हालत में न्याय संगत नहीं है। खनन व्यवसायियों ने एकराय से कहा कि इस बार गौला निकासी गेट तभी खुलेंगे जब रॉयल्टी की दरें एक समान हो जाएंगी। उन्होंने लालकुआं से हल्द्वानी एवं नंदौर तक खनन व्यवसायियों से वार्ता कर व्यापक आंदोलन करने का निर्णय लिया। साथ ही स्टोन क्रेशरों द्वारा मनमाना रेट तय कर खनन व्यवसायियों का उत्पीड़न करने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए, स्टोन क्रेशरों के रेट भी निर्धारित करने की मांग की। खनन व्यवसायियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती गौला निकासी खुलने के बावजूद वह गौला नदी में अपने वाहन नहीं ले जाएंगे, तथा उन्हें सिलेंडर ही रहने देंगे। बैठक के दौरान तय किया गया कि वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को हल्द्वानी जाकर उनके कार्यालय में सभी गेटों के प्रतिनिधि ज्ञापन सौंपेंगे। जिसमें तत्काल एक प्रदेश एक और रॉयल्टी वाले फार्मूले को लागू करते हुए रॉयल्टी की दरें कम करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बैठक में देवरामपुर, हल्दूचौड़ गौला खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंदर सिंह बिष्ट, लालकुआं गेट के अध्यक्ष जीवन कबडवाल, मोटाहल्दू गेट के अध्यक्ष रमेश जोशी, बिंदुखत्ता भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक जोशी, संजय बोरा, आंवला चौकी गेट के अध्यक्ष मनोज मठपाल, नंद किशोर पांडे, नवीन दानी, भगवान सिंह धामी, पम्मी सैफी, अरशद अयूब, कौस्तुभ भट्ट, दिगंबर मेहरा, मुन्ना लोशाली, पंकज दानू, हरीश देवराड़ी, वीरेंद्र दानू, दीपक उप्रेती, कमल तिवारी, मनोज बिष्ट, जीवन बोरा, सावन सिंह पथनी, नवीन जोशी, महेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह कार्की, विपिन जोशी, विकास पंत, देव सिंह बिष्ट, नीरज दुर्गापाल गौरी, शंकर पांडे, पूरन पाठक, सुरेश जोशी और रमेश कांडपाल सहित भारी संख्या में खनन व्यवसाई मौजूद थे।