उत्तराखण्ड

आंदोलनरत खनन व्यवसायियों ने उप जिलाधिकारी से कहा दो टूक— जब तक उचित रेट नहीं मिलेगा और पट्टो की रॉयल्टी नहीं बढ़ाई जाएगी, आंदोलन रहेगा जारी, सौंपे ज्ञापन……. देखें रिपोर्ट

गौला नदी के खनन व्यवसायियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद हल्दूचौड़ के पंचायत घर में की जा रही बैठक के दौरान पहुंचे उपजिलाधिकारी से लंबी वार्ता चली। उपजिलाधिकारी का कहना था कि खनन व्यवसाई हड़ताल न कर अपना कारोबार करें, प्रशासन क्रेशर संचालकों से वार्ता कराने एवं रॉयल्टी कम कराने में उनकी मदद करेगा। परंतु खनन व्यवसायियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि क्रेशर संचालक लंबे समय से खनन व्यवसायियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, पिछले वर्ष भी क्रेशर संचालकों की मनमानी के चलते खनन व्यवसायियों को कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने पूरे वर्ष क्रेशर संचालकों द्वारा दिए गए रेटों पर ही अपनी गाड़ी चलाई। जिससे खनन व्यवसायियों को नो प्रॉफिट नो लॉस में वाहन चलाने पड़े। उन्होंने कहा कि जब तक स्टोन क्रेशर खनन व्यवसायियों को उचित रेट नहीं देते हैं तब तक वह अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। साथ ही अभिलंब क्रेशर संचालकों ने उनकी अनदेखी की तो क्रेशरों की बिक्री भी रोक दी जाएगी।
खनन व्यवसायियों ने जोर देते हुए शिकायत की कि उधम सिंह नगर के पट्टे वाले बहुत ही कम रेट में क्रेशरो को माल दे रहे हैं। और जमकर ओवरलोड ढो रहे हैं। क्योंकि पट्टों में अत्यंत न्यूनतम रॉयल्टी का प्रावधान है। खनन व्यवसायियों ने कहा कि उधम सिंह नगर के पट्टों की रॉयल्टी के शुल्क बढ़ाई जाएं। तथा ओवरलोड में भी लगाम लगाई जाए। उन्होंने कहा कि रॉयल्टी एक जैसी होनी चाहिए पट्टों और गौला नदी की। खनन व्यवसाईयो ने चेताया कि यदि रॉयल्टी के नियमों को एक जैसा नहीं किया गया तो खनन व्यवसाई इसके खिलाफ भी उग्र आंदोलन शुरू करेंगे। तथा ओवरलोड को लेकर भी जबरदस्त मामला उठाएंगे।
काफी लंबे समय तक उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह की खनन व्यवसायियों से हुई वार्ता के बाद जब कोई निर्णय नहीं निकल सका तो खनन व्यवसायियों ने जिलाधिकारी को तथा सुबह के मुख्यमंत्री को अलग-अलग दो ज्ञापन प्रेषित प्रेषित किए जिनकी प्रति उप जिलाधिकारी को सौंप दी।

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