उत्तराखंड मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं को लगे पंख……….. इस हिसाब से बनाये जाएंगे नये मंत्री…….. इन दो मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी………
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में प्रस्तावित विस्तार में जहां नए विधायकों को मौका मिलेगा, वहीं कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है। सूत्रों के अनुसार भाजपा हाईकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले वर्तमान मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहा है। यदि अंतिम क्षणों तक कोई बड़ा बदलाव न हुआ तो दो मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन के लिए काम करने की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बार कैबिनेट में संतुलित रूप देने के लिए लोकसभावार प्रतिनिधित्व देने के फार्मूले पर काम किया जा रहा है। फार्मूला हर लोकसभा क्षेत्र से दो-दो विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान देने का है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्र भी इस फार्मूले की पुष्टि कर रहे हैं।
धामी मंत्रिमंडल में पिछले काफी समय से मंत्रियों के पांच पद खाली हैं। दो रोज पहले मुख्यमंत्री धामी और उनके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मंत्रिमंडल विस्तार के संकेतों के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। दो दिन
से मुख्ममंत्री आवास और सचिवालय में विधायक लगातार आकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार गढ़वाल-कुमाऊं के क्षेत्रीय संतुलन की बजाए इस बार भाजपा लोकसभा क्षेत्र वार प्रतिनिधित्व देने के पक्ष में है। सूत्रों के अनुसार फौरी तौर पर जो बात आई है, उसके तहत हर लोकसभा क्षेत्र से दो-दो लोगों को प्रतिनिधित्व देने पर सहमति बनी है। इनमें भी बडे जिलों को ज्यादा स्पेस मिल सकता है। मालूम हो कि
राज्य के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या के आधार पर मंत्रिमंडल का आकार मुख्यमंत्री समेत 12. सदस्यों का हो सकता है। लोकसभा क्षेत्र वाले फार्मूले के अनुसार वर्तमान में धामी कैबिनेट संतुलित नहीं है। वर्तमान में पौड़ी लोस क्षेत्र का पलड़ा कुछ ज्यादा भारी है। यहां से सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और धन सिंह रावत को शामिल करते हुए तीन मंत्री हैं। जबकि टिहरी लोस क्षेत्र से गणेश जोशी और नैनीताल उधम सिंह नगर से सौरभ बहुगुणा के रूप में एक एक ही
प्रतिनिधि है। इधर अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और काबीना रेखा आर्या अल्मोड़ा लोस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।
वर्तमान में हरिद्वार लोस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व शून्य है। कुछ समय पहले तो वित्त मंत्री के रूप में ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल हरिद्वार कोटे के मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल थे। लेकिन मार्च में विधानसभा सत्र में हुए विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
इधर कई विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की कवायत तेज हो रही है, जिसमें लालकुआं के विधायक डॉ मोहन बिष्ट का नाम भी तेजी से सामने आ रहा है।
