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एनडीए द्वारा तय की गई राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक सफर एवं जीवन परिचय जानने के लिए पढ़ें ये महत्वपूर्ण खबर……

भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है.
इससे पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर मंथन के लिए पार्टी मुख्यालय में बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य बैठक में मौजूद रहे।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है. 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर बीजेपी नीत एनडीए मजबूत स्थिति में है और उसे यदि बीजेडी या आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी जीत निश्चित हो जाएगी.

द्रौपदी मुर्मू भारतीय राजनीतिज्ञ और १८ मई २०१५ से झारखण्ड की राज्यपाल हैं। वो झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल हैं। वो वर्ष २००० से २००४ तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं।वो पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वो भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबन्धन सरकार में ६ मार्च २००० से ६ अगस्त २००२ तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री तथा ६ अगस्त २००२ से १६ मई २००४ तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री रहीं।

राजनीतिक यात्रा

• उन्हें 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर जिले के पार्षद के रूप में चुना गया था। मुर्मू ठीक उसी वर्ष रायरंगपुर के उपाध्यक्ष बने।

• 2000 के विधानसभा चुनावों में, वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गईं और उन्हें 2002 तक परिवहन और वाणिज्य विभाग दिया गया।

ओडिशा सरकार ने उन्हें 2002 में मत्स्य पालन और पशुपालन का विभाग दिया। उन्होंने 2004 तक इस पद पर कार्य किया।

• मुर्मू 2002 से 2009 तक मयूरभंज जिले के लिए भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे।

2004 में, वह रायरंगपुर से विधायक के रूप में चुनी गईं

भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2006 में ओडिशा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राज्य अध्यक्ष के रूप में नामित किया । वह 2009 तक इस पद पर रहीं।

• 2010 में उन्हें फिर से मयूरभंज जिले के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया।

• 2013 में, वह तीसरी बार उसी जिले के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष बनीं। वह अप्रैल 2015 तक

• उन्हें मई 2015 में झारखंड के राज्यपाल का प्रभार दिया गया था।

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