लालकुआं। तराई केंद्रीय वन विभाग के टांडा रेंज के जंगल में रानीखेत एक्सप्रेस रेलगाड़ी की चपेट में आने से एक मादा हाथी घायल हो गया। वन विभाग द्वारा घायल हाथी का उपचार शुरू कर दिया गया है।
मंगलवार की रात को दिल्ली जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस लालकुआं से करीब 2 किलोमीटर आगे पहुंची थी कि तभी टांडा रेंज के जंगल में रेलगाड़ी के आगे एक मादा वयस्क हाथी उम्र लगभग 9 वर्ष आ गया। रेलगाड़ी के लोको पायलट ने ब्रेक लगाने का प्रयास किया परंतु तब तक हाथी रेलगाड़ी की चपेट में आ गया था। जिससे हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घायल हाथी के उपचार के प्रयास शुरू कर दिए।
प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग हिमांशु बांगरी ने बताया कि घायल हाथी पर वन विभाग की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं, उसके खाने की व्यवस्था के साथ-साथ उपचार का प्रबंध भी किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि वह स्वयं मौके पर है, तथा पूरी अपडेट ले रहे हैं। दो पशु चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में घायल हाथी को गुड में डालकर दवा दी जा रही है।
टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के मुताबिक हाथी को ट्रॅकुलाइजर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। परंतु हाथी वर्तमान में ठीक हालत में है, उसे गुड़ में मिलाकर दवा भी दी गई है, तथा घायल हाथी ने गन्ना भी खाया है। उन्होंने बताया कि नजदीक जाने पर हाथी उग्र हो रहा है तथा बनकर्मियों को उसने काफी देर दौड़ाया, जिसके चलते दूर से ही उसे गुड़ और गन्ना दिया जा रहा है।
बताते चलें कि टांडा रेंज के जंगल से होकर गुजरने वाली रेलगाड़ियों की चपेट में आकर कई हाथियों की अकाल मौत हो चुकी है। लेकिन वन महकमे और रेलवे विभाग में आपसी तालमेल की कमी के चलते गजराज की जान पर लगातार खतरा बना हुआ है।
फोटो परिचय- टांडा के जंगल में विचरण करता घायल हाथी
फोटो परिचय- घटनास्थल का निरीक्षण करते प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन विभाग हिमांशु बांगड़ी