उत्तराखण्ड

ट्रेन की टक्कर से गंभीर घायल हाथी के बच्चे का दूसरे दिन भी उपचार जारी……. मां की ममता ने इलाज में डाला खलल…… अब वन विभाग कर रहा यह काम……. देखें वीडियो

लालकुआं। ट्रेन की टक्कर से घायल हाथी के बच्चे का दूसरे दिन भी उपचार जारी रहा, घायल हाथी की मां के बार बार बच्चे के पास आवाजाही को रोकने के लिए वन विभाग ने मौके पर सोलर फेंसिंग तारबाढ़ लगाई है, घायल बच्चे को गुड़, गन्ना और रोहणी के पत्ते खिलाए।


यहां टांडा के जंगल में ट्रेन की टक्कर से जख्मी हाथी के डेढ़ वर्षीय बच्चे का वन विभाग वाइल्डलाइफ के चिकित्सकों ने दूसरे दिन भी उपचार जारी रखा।वाइल्डलाइफ चिकित्सक डॉ आयुष उनियाल और डॉ हिमांशु पांगती के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने जख्मी हाथी के उपचार के लिए उसे दो दर्जन ग्लूकोस चढ़ाएं, कई एंटीबायोटिक और दर्द निवारक इंजेक्शन लगाए, साथ ही वन कर्मियों के द्वारा जख्मी डेढ़ वर्षीय हाथी के बच्चे को गुड, गन्ना एवं रोहिणी के पत्ते खिलवाये।

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मौके पर मौजूद तराई केंद्रीय वन प्रभाग के कार्यवाहक प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि जख्मी हाथी के बच्चे को उसकी मां कल से आज तक 500 मीटर दूर तक जंगल में घसीट कर ले गई है, जिससे जख्मी हाथी के इलाज में भारी दिक्कतें आ रही है, तथा उसकी हालत बिगड़ने की संभावनाएं भी बनी हुई है। जिसे देखते हुए आज वन कर्मियों द्वारा जख्मी हाथी के बच्चे के आसपास सोलर फेंसिंग तार बाड़ लगाई जा रही है, ताकि जख्मी बच्चे को उसकी मां से दूर रख कर उसका ठीक प्रकार इलाज किया जा सके। आज दूसरे दिन भी जख्मी हाथी के बच्चे की मां घटनास्थल के पास बार-बार आकर चिंघाड़ रही थी, जिससे वन कर्मियों ने पशु चिकित्सकों से बमुश्किल उसका उपचार कराया।
विदित रहे कि रविवार की प्रातः लालकुआं हल्दी रेलवे ट्रैक के बीच नगर से 2 किलोमीटर दूर जंगल में रेलगाड़ी की टक्कर लगने से एक हाथी का बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था,
इसके बाद प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार के नेतृत्व में मौके पर दो जेसीबी मशीन और दो ट्रैक्टरों द्वारा जख्मी हाथी की घेराबंदी कर चिकित्सकों ने उपचार का काम शुरू किया था कल लगभग 3 घंटे तक जख्मी हाथी के बच्चे के उपचार के बाद सोमवार की सुबह से पुनः उसका उपचार शुरू किया गया जो कि शाम तक चलता रहा, वन विभाग उक्त घायल हाथी के बच्चे की निगरानी ड्रोन कैमरे एवं वाईफाई कैमरे से रात को भी लगातार नजर बनाकर रख रहा है।
जख्मी हाथी के बच्चे को रेस्क्यू करने वाली टीम में तराई केंद्रीय वन विभाग की एसडीओ शशि देव, टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम, वन क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी उमेश चंद्र आर्य, तराई पूर्वी एवं तराई केंद्रीय वन प्रभाग के सुरक्षा दल की टीम सहित भारी संख्या में वनाधिकारी एवं वन कर्मी मौजूद थे।
फोटो परिचय- ट्रेन की टक्कर से घायल हुए हाथी का उपचार करते चिकित्सक

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