अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने पार्टी कार्यालय अल्मोड़ा में गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि लंबे संघर्षों से मिले मानवाधिकार आज संकट में हैं। पार्टी ने चम्पावत के केदारनाथ (देवीधुरा) में की गई दलित व्यक्ति हत्या की निन्दा करते हुए उत्तराखंड के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र व समाज के लिए कलंक है व सरकार व प्रशासन से दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्यवाही करने की मांग की।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी.तिवारी ने कहा कि आज हम सभी बाजारवाद में जी रहे हैं नई जो उदारीकरण, निजीकरण की नीतियां हैं उन्होंने लोगों को शिक्षा से, अपने अधिकारों से वंचित कर दिया है। आज जनता कहीं पर जाकर गलत के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती है।
उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा ने कहा कि हमारे अधिकारों का हर तरह से हनन हो रहा है जो आज देश में गलत के खिलाफ बोलता है उसे सबसे पहले टारगेट किया जाता है। महिलाओं का हर तरह से शोषण किया जाता है, महिलाओं को आज तक अपना अधिकार नहीं मिल पाया है।
एडवोकेट जीवन चंद्र ने कहा कि मानवाधिकार इसलिए जरूरी है क्योंकि हम मानव हैं।
और सरकार द्वारा वंचित तबकों पर हो रहे दमन के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
एडवोकेट नारायण राम ने कहा कि अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें अपना अधिकार नहीं मिल पाया है। हमारे देश में अभी भी जातिवाद और भेदभाव की समस्या बनी हुई है हमें सबसे पहले लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है।
उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे ने कहा कि महिलाएं व एलजीबीटी + अभी भी लैंगिक असमानताओं से जूझ रहे हैं और इनका संघर्ष जारी है जिसमें शामिल होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी लगातार छीनी जा रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती आनंदी मनराल व संचालन गोपाल राम ने किया। आज कार्यक्रम में राजू गिरी व उत्तराखंड छात्र संगठन से दीपांशु पांडे मौजूद रहे।