उत्तराखण्ड

लालकुआं से हल्द्वानी रेस्टोरेंट में खाना खाने गए इस परिवार की महिला को पानी की जगह पिला दिया एसिड…….

हल्द्वानी। लालकुआं से हल्द्वानी के रेस्टोरेंट में खाना खाने गए परिजनों की हालत उस समय खराब हो गई जब होटल में खाना खाने के दौरान महिला की जान पर बन आई। रेस्टोरेंट में उन्हें ब्रांडेड कंपनी का बोतलबंद पानी दिया गया। एक घूंट पीते ही महिला का गला जल गया। बमुश्किल उसकी जान बची। लगभग 12 वर्ष पूर्व के इस मामले में प्रथम अपर सिविल जज जूनियर डिविजन/न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श त्रिपाठी ने शुक्रवार को रेस्टोरेंट संचालक अखिलेश सेमवाल को दो वर्ष के साधारण कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सहायक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि लालकुआं निवासी रामप्रकाश साहनी ने 20 दिसंबर 2013 को हल्द्वानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अनुसार उनका भतीजा नरेश साहनी अपनी पत्नी धीरज साहनी और साली के परिवार के साथ दुर्गा सिटी सेंटर स्थित मचान रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे।
नॉनवेज का ऑर्डर देने के बाद सबने खाना खाया। पहली बोतल आई तो उससे कुछ नहीं आया। पानी की दूसरी बोतल आई तो उसका सील तोड़कर धीरज ने एक घूंट ही पिया था कि उसका मुंह जल गया। वह उल्टी करने लगी। आननफानन उसे निजी अस्पताल ले जाया गया। जाते-जाते परिवार वालों ने पानी की बोतल भी अपने पास रख ली।
स्वास्थ्य बिगड़ने पर धीरज को सबसे पहले कृष्णा हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां दो घंटे तक इलाज करने वाले डॉ. नसीरूद्दीन अंसारी ने रिपोर्ट दी थी कि जब धीरज को लाया गया तो उनका मुंह जला था। शुगर लेवल और लीवर के एंजाइम भी बढ़े हुए थे। रक्तचाप भी अनियंत्रित था। दो घंटे बाद ही उन्हें उसे रेफर करना पड़ा था।
वहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। बरेली में 18 दिन इलाज चला। उपचार में करीब चार लाख रुपये खर्च करने के बाद उसकी जान बच सकी।
पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस द्वारा रेस्टोरेंट संचालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 285 व 338 के तहत मुकदमा दर्ज किया। विवेचक राजेश कुमार यादव ने 27 अगस्त 2015 को चार्जशीट दाखिल की। तीन सितंबर 2025 को कोर्ट ने सेमवाल को आईपीसी की धारा 285 के तहत छह माह और धारा 338 में दो वर्ष के साधारण कारावास के साथ ही एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। मामले में दूसरे आरोपी कुंदन राम ने जुर्म का इकबाल कर न्यायालय में अर्थ दंड जमा कर दिया था।
उधर जिस बोतल से धीरज ने पानी पिया था उसके शेष जल की पुलिस ने सेंटर फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री चंडीगढ़ में जांच कराई थी। फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुखविंद कौर की रिपोर्ट के अनुसार जिस बोतल से धीरज ने पानी पिया, उसमें 99.8 प्रतिशत एसिटिक एसिड मिला।

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