उत्तराखण्ड

काठगोदाम से लापता युवती पुलिस ने की सकुशल बरामद…… किया चौंकाने वाला खुलासा….. पढ़ें विस्तृत खबर

हल्द्वानी- हल्द्वानी के काठगोदाम थाना क्षेत्र से पिछले 3 दिनों से M.Ed की छात्रा मीनाक्षी लापता थी वह घर से कॉलेज के लिए निकली थी लेकिन उसके बाद घर नहीं पहुंची जिसके बाद परिजन और पुलिस लगातार उसे तलाश रहे थे 3 दिन बाद आज काठगोदाम पुलिस ने उसे सकुशल बरामद कर लिया है बताया जा रहा है कि मीनाक्षी ने अल्मोड़ा निवासी युवक के साथ प्रेम विवाह कर लिया है फिलहाल पुलिस कोर्ट के समक्ष 164 के बयान दर्ज करवाने की कार्रवाई कर रही है।पूछताछ में गुमशुदा महिला द्वारा बताया गया कि मैं राजेन्द्र निवासी अल्मोङा से प्यार करती हुं, मेरे परिवार वाले मेरी शादी देवेन्द्र निवासी प्रेमपुर लौश्याली से करना चाहते थे तथा मेरी सगाई भी कर दी थी, तथा मुझ पर शादी के लिये दबाव बनाते थे ,मेरा मंगेतर देवेन्द्र मुझे काफी परेशान करता था तथा मुझे मारता पीटता था ,जिससे मैं तंग आकर घर से भाग कर अल्मोङा अपने प्रेमी के पास आ गई और अब मैने राजेन्द्र से विवाह कर लिया है।
इधर पुलिस क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी भूपेंद्र धोनी ने कहा कि तीन दिन पूर्व लापता युवती मीनाक्षी के भाई ने काठगोदाम थाने गुमशुदगी दर्ज कराई थी जिसपर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों एंंव उसके फोन कॉल डिटेलों कि जांच कर तलाश शुरू की जिसके बाद आज युवती को अल्मोड़ा से बरामद कर लिया गया वही युवती ने पुलिस को बताया है कि उसने अपने मनपसंद युवक से शादी कर ली है फिलहाल पुलिस अग्रिम कार्रवाई कर रही है।
बताते चलें कि हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के दमुवाढूँगा के बैडीखत्ता निवासी प्रवेश चन्द्र सिमवाल पुत्र मोहन राम ने काठगोदाम थाने में सोमवार को दी तहरीर में बताया कि उसकी बहन मीनाक्षी चन्द्रा (32 ) सोमवार की सुबह 9 बजे गदरपुर स्थित सरस्वती कालेज के लिए निकली थी जिसे बाद वह गांव के तिराहे स्थित सुभाष चंद्रा के मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में देखा गया। देर शाम तक जब वह वापस घर नहीं आई तो उसके कालेज में जानकारी की गई पता चला कि वह स्कूल पहुंची ही नहीं है। जिसके बाद परिजनों द्वारा उसकी बहुत तलाश की परंतु वो भी कहीं नहीं मिली, जिससे परेशान युवती के भाई प्रवेश सिमवाल ने अपनी बहन का अपहरण कर हत्या की आशंका जताते हुए उसकी आबरू को खतरा बताते हुए मामले की काठगोदाम थाने को तहरीर दी थो।

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