6 दिन उपचार के बाद ट्रेन की टक्कर से घायल हुए हाथी के बच्चे ने तोड़ा दम……. अब होगी रेलवे के खिलाफ यह कार्रवाई
ट्रेन की टक्कर से घायल हाथी के बच्चे की उपचार के दौरान दर्दनाक मौत हो गयी, वनाधिकारियों की मौजूदगी में मृत हाथी का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
लालकुआं । छह दिन की जंग के बाद मौत से हारा हाथी का बच्चा
गत रविवार को टांडा जंगल में ट्रेन की चपेट में आने घायल हुआ था घायल, ट्रेन की टक्कर से घायल हाथी के बच्चा आखिरकार मौत से जंग हार गया है, वन विभाग ने मौके पर ही उसके शव को दफना दिया है।
गत रविवार की प्रातः को टांडा जंगल में ट्रेन की चपेट में आने से हाथी का डेढ़ वर्षीय बच्चा का गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसके बाद वाइल्डलाइफ चिकित्सक डॉ आयुष उनियाल, डॉ हिमांशु पांगती और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ प्रशांत वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की टीम ने जख्मी हाथी के उपचार शुरू किया , हाथी के बच्चे के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगने के कारण वह उठ नही पाया।
वाइल्डलाइफ चिकित्सक डॉ आयुष उनियाल, डॉ हिमांशु पांगती और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ प्रशांत वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की टीम विनय ने छाती का पोस्टमार्टम किया।
चिकित्सकों द्वारा लगातार उसको बचाने के हरसंभव प्रयास किया गए, लेकिन छह दिन के संघर्ष के बाद गुरुवार की रात 11:35 बजे हाथी के बच्चे ने दम तोड दिया, वन विभाग द्वारा शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया, जिसके तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ वैभव कुमार की मौजूदगी में हाथी के शव को मौके पर ही दफना दिया, इस दौरान एसडीओ शशि देव, वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम, तराई पूर्वी एवं तराई केंद्रीय वन प्रभाग के सुरक्षा दल की टीम सहित भारी संख्या में वनाधिकारी एवं वन कर्मी शामिल है।
हाथी के बच्चे के उपचार में जुटे वन कर्मियों का ध्यान हाथी की मौत के बाद अब रेलवे की ओर केंद्रित हो गया है, वन विभाग ने पहले दिन ही रेल विभाग के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था, अब रेल विभाग के खिलाफ अभिलंब कार्रवाई की जाएगी।