बद्रीनाथ। शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह से जारी है। फंसे 50 मजदूर निकाले, चार की मौत, तीन कंटेनर नहीं हो पा रहे ट्रेस, पांच की तलाश प्रदेश में आज भी कई जिलों में बारिश के आसार है। वहीं चमोली में हिमस्खलन का खतरा बरकरार है।
सीएम ने कहा कि पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना का ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (जीपीआर रडार) मंगाया गया है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगा।
बद्रीनाथ। शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह से जारी है। फंसे 50 मजदूर निकाले, चार की मौत, तीन कंटेनर नहीं हो पा रहे ट्रेस, पांच की तलाश प्रदेश में आज भी कई जिलों में बारिश के आसार है। वहीं चमोली में हिमस्खलन का खतरा बरकरार है।
सीएम ने कहा कि पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना का ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (जीपीआर रडार) मंगाया गया है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगा।

बद्रीनाथ। शुक्रवार को भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह से जारी है। फंसे 50 मजदूर निकाले, चार की मौत, तीन कंटेनर नहीं हो पा रहे ट्रेस, पांच की तलाश प्रदेश में आज भी कई जिलों में बारिश के आसार है। वहीं चमोली में हिमस्खलन का खतरा बरकरार है।
सीएम ने कहा कि पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना का ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (जीपीआर रडार) मंगाया गया है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगा।

सीएम धामी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं। सीएम ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री जी का आभार जताया।

अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर नहीं हो पा रहे ट्रेस
पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। आर्मी की 03 टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना की जीपीआर रडार ;ग्राउण्ड पेनीट्रेशन रडारद्ध मंगवाई गई है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगी।
सेना और आईटीबीपी के जवान श्रमिकों की कर रहे तलाश
आठ फीट बर्फ और लगातार होती भारी बर्फबारी, तापमान माइनस जैसी विषम परिस्थितियों में सेना और आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन में दबे मजदूरों को निकालने में जुटे हैं।
पीआरओ डिफेंस देहरादून लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव की ओर से बताया गया है कि हिमस्खलन की चपेट में आए चार श्रमिकों की मौत हो गई है। पांच की तलाश जारी है। 46 मजदूर सुरक्षित है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में माणा के पास भारी हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें से चार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआर और वायु सेना के बचाव दल पांच अन्य श्रमिकों की तलाश में युद्ध स्तर पर अभियान छेड़े हुए हैं। सेना के मुताबिक तीन कंटेनरों का पता नहीं चल रहा है, वे भारी बर्फ के नीचे दबे हैं। उनकी खोज के लिए दिल्ली से जीपीआर रडार मंगाया गया है।
बर्फ के मलबे में हिमाचल के कम से कम 7, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और बिहार के 11—11 और पंजाब व जम्मू एंड कश्मीर के एक— एक श्रमिक दबे थे। इसके अलावा 13 ऐसे श्रमिक हैं जिनके नाम तो आपदा नियंत्रण सेल को पता हैं लेकिन उनका पता नहीं दिया गया है।
चमोली पुलिस ने माणा में फंसे 55 श्रमिकों के नामों की सूची जारी कर है। अब तक 50 मजदूरों को बचा लिया गया है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी सूची के अनुसार फंसे हुए मज़दूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों से हैं। हिमाचल प्रदेश के मोहिंद्र पाल का पता नहीं दिया गया है। यहीं के पंकू, गोपाल दत्त जोशी व हर्मेश चंद के पते की जानकारी भी नहीं दी गई है। यहीं के जितेंद्र सिंह के बारे में भी कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई है। मलबे से निकाले गए हिमाचल के चंबा के बकानी क्षेत्र के गांव कलेला के वार्ड नंबर तीन निवासी विपन कुमार और कांगड़ा के फतेहपुर के डुमाल गांव निवासी सुनील कुमार को भी मलबे से बाहर निकाला गया है। उनकी हालत कैसी है यह नहीं बताया गया है।हादसे में उत्तराखंड के कम से कम 11 लोग दबे थे। इसमें सितारगंज के अनिल कुमार, पिथौरागढ़ के डीडीहाट क्षेत्र बरेट बाफिला गांव निवासी गणेश राम आर्या, यहीं के अशोक कुमार इस सूची में शामिल हैं। पिथौरागढ़ के बलवंत सिंह सामंत के पते की जानकारी पूरी नहीं दी गई है। इसके अलावा दीक्षित सिंह व लक्ष्मण सिंह सामंत को भी उत्तराखंड का रहने वाला बताया गया है। उधमसिंह नगर के बरा क्षेत्र के बरी गांव के अनिल भी मलबे में दबने वालों में शामिल थे। देहरादून के अरविंद कुमार सिंह का नाम भी इस सूची में शामिल है। उत्तरकाशी के जगबीर सिंह व जुन्गा उत्तरकाशी के मनोज भंडारी का नाम भी दबे लोगों की सूची में शामिल है। हल्द्वानी के बरेली रोड स्थित शक्ति विहार की गली नंबर दो के मकान नंबर 327 में रहने वाले नरेश बिष्ट का नाम भी इस सूची में दर्ज है।
पंजाब के अमृतसर जिले के अजनाला क्षेत्र के भोएवाली निवासी जगवीर सिंह का नाम भी इस सूची में शामिल है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के कठुआ के महानपुर के रहने वाले दिलेर सिंह भी मलबे में दबे थे। बिहार निवासी अभिनाश कुमार, इंद्रजीत कुमार भारती, अभिषेक आनंद, धीरज कुमार पासवान, विजय पाल, जितेश कुमार, पश्चिमी चंपारन के बहुरुवा खुर्द निवासी पिंटू कुमार,मुन्ना प्रसाद, किशन कुमार, दिलीप कुमार व कटिहार के सदलपुर कला निवासी लड्डू कुमार पंडित के नाम भी बर्फ के मलबे में दबे श्रमिकों में शामिल हैं।उत्तर प्रदेश के कम से कम 11 लोगों के नाम भी इस सूची में दर्ज हैं। इनमें आलोक यादव, चंद्रभान सिंह,अशोक,सत्य प्रकाश यादव, पवन व मंजीत यादव व राम सुजन सिंह के नाम इस सूची में शामिल हैं। लेकिन इनका पूरा पता नहीं दिया गया है। यूपी के मथुरा के रूपनगर क्षेत्र के विश्व बंगार के खैराल निवासी गोविंद सिंह व राजेंद्र सिंह, मथुरा के ही छाटा तहसील के नगला बिरजा निवासी विवेक सिंह भी इस सूची में शामिल हैं।
इसके अलावा नरेश राजक, झहिंद्र प्रसाद सिंह,सुपारी, हरि बहादुर, नर बहादुर, नरेंद्र, जयशंकर, सूर्या, हरि कृष्ण, करण प्रसाद, सिंघा व महेंद्र के प्रशासन को नाम तो पता है लेकिन वे कहां के रहने वाले हें यह जानकारी नहीं दी गई है।
