अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में प्रशासन भी अब जन दबाव के चलते सख्त हो चला है जिलाधिकारी द्वारा प्रारंभिक जांच आख्या के आधार पर राजस्व उपनिरीक्षक उदयपुर तहसील यमकेश्वर वैभव प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है यम्केश्वर में दिनांक 26 सितंबर को प्रारंभिक जांच आख्या प्राप्त हुई जिसके अनुसार ग्राम गंगा भोगपुर तल्ला तहसील यम्केश्वर अंतर्गत वंतरा रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी हत्याकांड से स्थानीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों में अत्याधिक रोष उत्पन्न है उक्त घटना कांड में राजस्व पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज की गई थी, जिसमें प्रकरण को नियमित पुलिस को विवेचना के लिए हस्तांतरित कर दिया गया।
किंतु आम जनमानस द्वारा एफ आई आर दर्ज करने में देरी व एफ आई आर अंकिता भंडारी के पिता जी के प्रार्थना पत्र पर दर्ज न करने पर अत्याधिक रोष प्रकट किया जा रहा है। इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया जांच करने पर पता चलता है कि ग्राम गंगा भोगपुर तल्ला पट्टी उदयपुर तहसील यमकेश्वर के राजस्व निरीक्षक वैभव प्रताप सिंह हैं जो कि 20 सितंबर से 23 सितंबर तक 4 दिन के आकस्मिक अवकाश पर अपने पिताजी के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए स्वीकृत कराकर अवकाश पर चले गए। जबकि अंकिता भंडारी दिनांक 18 से ही लापता हो गई थी, तथा 19 को उनकी लापता होने के संबंध में सूचना उप निरीक्षक को प्राप्त हो गई थी, तथा उनके द्वारा अंकिता भंडारी के पिता जी से दूरभाष पर वार्ता कर इस घटना की जानकारी उनको भी दी गई। जैसा कि वैभव प्रताप सिंह द्वारा दूरभाष पर बताया गया, किंतु उनके द्वारा इस संबंध में कोई भी प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई, ना ही इस प्रकरण को अवकाश पर जाने से पूर्व अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई जिससे कि इस प्रकरण पर तत्काल कार्रवाई की जा सकती थी।