देवभूमि उत्तराखंड के निवासी भजन सिंह राणा ने प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सैफ अली खान की जान बचाकर रातों-रात हीरो बन गया।
मूल रूप से खटीमा उत्तराखंड के निवासी आटो चालक भजन सिंह 15 जनवरी की रात सवारियों की तलाश में अपना आटो लेकर मुंबई के बांद्रा इलाके से गुजर रहे थे। अचानक उन्होंने सतगुरु अपार्टमेंट के गेट से खून से लथपथ एक आदमी को बाहर आता देखा। कोई और आटो चालक होता तो शायद किसी झमेले में पड़ने के बजाय आगे बढ़ जाता लेकिन भजन देवभूमि से गया था। साहस, संवेदना व परोपकार उसके संस्कार में थे। इन संस्कारों ने जोर मारा और भंजन के पैर तुरंत ब्रेक पर पड़े। घायल सवारी व उनके साथियों को आटो में बैठाकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल जाकर पता चला कि जिस घायल सवारी को लेकर वह आए हैं, वह प्रसिद्ध अभिनेता सैफ अली खान हैं। भजन सिंह के इस नेक कार्य के कारण आज खटीमा के मोहनपुर गांव का नाम हर किसी की जुबान पर है। भजन सिंह 20 साल पहले रोजी-रोटी की तलाश में मुंबई चले गए थे और वहां आटो रिक्शा चलाने लगे। अब इलाके में जितनी चर्चा सैफ पर हमले की है, उससे कहीं अधिक भजन सिंह की। भजन सिंह इस घटना के बारे में फोन पर स्वयं बताने लगे। बोले-मैं रात में गाड़ी चला रहा था, सतगुरु बिल्डिंग के सामने से किसी ने आवाज लगाई। खून से लथपथ एक आदमी गेट से बाहर निकला। शरीर के ऊपर के हिस्से में और पीठ पर गहरे जख्म थे। मैंने अपना फर्ज समझा और तुरंत आटो में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया।
भजन सिंह का परिवार रहता है मोहनपुर गांव में
मोहनपुर गांव में उनकी मां कुसुमवती, पत्नी रागिनी देवी, बेटी शीतल, बेटा मोहित, भाई अशोक सिंह और भाभी संध्या रहते हैं। 20 सालों से मुंबई में रहकर भजन सिंह अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। अगली सुबह जब भजन सिंह ने फोन पर यह जानकारी स्वजन को दी कि मैंने सैफ अली खान को अस्पताल पहुंचाया तो यह खबर परिवार से होते हुए इलाके में फैल गई।