देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतारोही परवेंद्र सिंह ने 26 जनवरी को अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारों को फतह किया।।
जहाँ जहां उत्तराखंड एवं भारत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत का तिरंगा फहरा कर युवाओं के खेल व साहस की चर्चा कर रहे थे वही उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के लाल पर्वतारोही परवेंद्र सिंह 27वर्षीय ने 25 जनवरी, 2025 की रात को 09.30 बजे निकलकर, अपने देश का तिरंगा 26 जनवरी को सुबह भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो, 5,895 मीटर की ऊंचाई पर भारत का गौरवशाली झंडा फहराकर उधम सिंह नगर सहित उत्तराखंड और देश का नाम रोशन किया है।
परवेंद्र ने 19 जनवरी को उत्तराखंड में अपने घर से अपनी यात्रा शुरू की 20 जनवरी को दिल्ली से मुंबई की यात्रा करने और 21 जनवरी को केन्या के नैरोबी में उतरने के बाद, वह 10 घंटे की बस यात्रा के माध्यम से तंजानिया के मोशी शहर पहुंचे।
चढ़ाई 22 जनवरी को सुबह 10 बजे मारंगू गेट से शुरू हुई, जिसमें उबड़ खाबड़ रास्ते होने के कारण मारंगू मार्ग का उपयोग किया।।
पहला दिन की चढाई 22 जनवरी मारंगु गेट से मंदार हट 8 किमी, 2,720 मीटर पर पहुंच कर रात्रि विश्राम किया।
दूसरा दिन 23 जनवरी मंदार हट से होरोम्बो हट 12 किमी, 3,720 मीटर पर पंहुचा
तीसरा दिन 24 जनवरी ज़ेबरा रॉक 4,200 मीटर पर मौसम ख़राब होने के साथ साथ ठण्ड का गलन शरीर को क़पा रहा था लेकिन उसकी वैवस्था करते हुये रात्रि विश्राम किया
चौथा दिन 25 जनवरी होरोम्बो हट से बेस कैंप, किबो हट 13 किमी, 4,720 मीटर पर पहुंच चूका था कुछ देर आराम करने के बाद 25 जनवरी की 12 बजे सर्द रात में -12 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना करते हुए, परवेंद्र ने पारंपरिक पगड़ी पहनकर रात 9:30 बजे अपनी अंतिम चढ़ाई शुरू की। कठिन चढ़ाई के बाद, वे 26 जनवरी को सुबह 6:40 बजे माउंट किलिमंजरो की चोटी पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने गर्व से भारतीय तिरंगा और निशान साहिब का केसरिया झंडा को फहराया, जो सिख विरासत और आस्था का प्रतीक है।
इस पल के महत्व के बारे में बात करते हुए, परवेंद्र ने कहा, “गणतंत्र दिवस पर अफ्रीका की चोटी पर खड़े होकर भारतीय ध्वज और निशान साहिब को लहराना एक अस्मरणीय क्षण था। यह न केवल मेरे लिए बल्कि मेरे जिला प्रदेश सहित देश के लिए भी गर्व का क्षण था। यह चढ़ाई दृढ़ संकल्प और विश्वास की ताकत का प्रमाण है।”
परवेंद्र सिंह ने कहा की यह उपलब्धि दुनिया की हर बड़ी चोटी पर चढ़ने के उनके मिशन में एक और मील का पत्थर है। इससे पहले इन्होने ने माउंट शितिधर, माउंट फ्रेंडशिप पीक, मलेशिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट किनाबालु, माउंट युनम पीक जैसी चोटियों पर विजय प्राप्त की हैं
उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा दूसरों को बड़े सपने देखने और अपनी सीमाओं को पार करने के लिए प्रेरित करती है।
इस उपलब्धि को पर्वेंद्र ने युवाओं को नशा मुक्ति से दूर होने के लिए समर्पण किया है इस अभियान के अपने माता-पिता व मित्र सहयोगी व जिला प्रशासन व मुख्यमंत्री को सफलता समर्पित किया हैं
संपर्क सूत्र
पर्वतरोही परवेंद्र सिंह
उधमसिंह नगर
मो. 8384885509