राष्ट्रीय

बरेली के आठ बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे यह लोकप्रिय नेता बनाए गए राज्यपाल…………….. लोगों में खुशी की लहर…………………

बरेली से आठ बार सांसद रहे संतोष गंगवार का नया ठिकाना अब झारखंड का राजभवन होगा। राष्ट्रपति ने राज्यपाल नियुक्त कर उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। बरेली से राज्यपाल नियुक्त होने वाले वह पहले राजनेता होंगे। वह वर्ष 1989 से वर्ष 2004 तक लगातार सांसद रहे। सिर्फ वर्ष 2009 में कांग्रेस ने उनका विजय रथ रोका था। उसके बाद वर्ष 2014 व 2019 में वह फिर लगातार सांसद चुने गए। वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी व मोदी सरकार में मंत्री भी रहे।इस बार लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। उनकी आयु 75 वर्ष होने के नाते टिकट कटने की बात कही गई। पार्टी ने उनकी जगह छत्रपाल गंगवार को यहां से चुनाव लड़ाया। साथ ही उसी समय से संतोष गंगवार को भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के कयास भी लगाए जा रहे थे। 1948 में जन्मे और बरेली कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई के साथ ही एलएलबी की उपाधि हासिल करने वाले संतोष गंगवार का चुनावी सफर वर्ष 1984 में शुरु हुआ था। हालांकि 1984 में पहला चुनाव वह कांग्रेस उम्मीदवार आबिदा बेगम से हार गए थे। इसके बाद 1989 में वह फिर से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल कर पहली बार सांसद बने।
इसके बाद वर्ष 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 में लगातार जीत का सेहरा उन्हीं के सिर सजा। उनकी पहचान कुर्मी बिरादरी के प्रभावशाली नेता के रूप में है। हालांकि वह सभी वर्गों में लोकप्रिय हैं। वर्ष 2009 में कांग्रेस से प्रवीण सिंह ऐरन ने उनका विजय रथ रोका था। उसके बाद 2014 व 2019 में वह फिर चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
बेदाग व जनप्रिय रहते हुए लंबा सियासी सफर तय करने वाले संतोष गंगवार भाजपा से सदैव अनुशासित सिपाही के रूप में जुड़े रहे। आठ बार सांसद रहने और कोई बड़ा विरोध न होने के बावजूद पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट काटे जाने पर भी वह विचलित नहीं हुए थे। उन्होंने इसके बाद भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार को चुनाव भी लड़ाया और प्रचार भी किया।

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