लालकुआं। लालकुआं और हल्द्वानी डिवीजन के सभी खनन व्यवसायियों ने क्रेशर संचालकों पर बहुत ही कम भाड़ा देने का आरोप लगाते हुए कल आज से अनिश्चित काल के लिए खनन कार्य बंद करने का ऐलान कर दिया है। विदित रहे कि गौला नदी में साढे 7 हजार से अधिक वाहन स्वामी खनन व्यवसाय करते हैं
गौला नदी के सभी निकासी गेट से खनन शुरू होने के बाद हल्द्वानी डिवीजन के कुछ निकासी गेटो में खनन व्यवसायियों द्वारा की जा रही हड़ताल ने आज उग्र रूप ले लिया। और गौला नदी के हल्द्वानी तथा लालकुआं डिवीजन के सभी गेटों के खनन व्यवसायियों ने गुरुवार से खनन कार्य पूर्ण रूप से बंद करने का ऐलान कर दिया है। खनन व्यवसाई वीरेंद्र दानू और लवली गिल का कहना है कि स्टोन क्रेशर संचालक बहुत ही कम भाड़ा दे रहे हैं। जिसके चलते खनन व्यवसाई अपना कारोबार करने में अब सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि क्रेशर संचालक जो भाड़ा दे रहे हैं उससे रॉयल्टी, गाड़ी भराई तथा डीजल का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है, इसी के चलते उन्होंने अपने वाहन गौला नदी में गुरुवार से नहीं भेजने का स्पष्ट निर्णय ले लिया है। दोनों खनन व्यवसायियों ने कहा कि उनकी सभी निकासी गेटों के खनन व्यवसायियों से बातचीत हो चुकी है। सभी खनन व्यवसाई इस बात पर सहमत हैं कि जब तक क्रेशर संचालक ठीक-ठाक रेट नहीं खोलते तब तक वह खनन व्यवसाय पूरी तरह बंद रखेंगे।
इधर हल्दूचौड़ गेट के अध्यक्ष इंदर सिंह बिष्ट ने भी ऐलान कर दिया है कि गुरुवार से उनके गेट में भी पूरी तरह हड़ताल रहेगी। इंदर बिष्ट का स्पष्ट रूप से कहना है कि जब तक क्रेशर संचालक उनका भाड़ा नहीं बढ़ाते हैं तब तक कोई भी वाहन स्वामी गौला नदी में प्रवेश नहीं करेगा।
खनन व्यवसायियों के उक्त अनिश्चितकालीन हड़ताल से क्रेशर संचालकों में हड़कंप मच गया है। इस बार क्षेत्र के तमाम क्रेशरों में बहुत ही कम खनन सामग्री बची है। ऐसे में खनन व्यवसायियों द्वारा की जा रही हड़ताल से क्रेशरों के सामने खनन का संकट आ सकता है।
बॉक्स:- स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि खनन व्यवसाई क्रेशरो के खिलाफ आंदोलन करने के बजाए रॉयल्टी को लेकर आंदोलन करें क्योंकि सरकार द्वारा गौला नदी में खनन की रॉयल्टी अत्यधिक कर देने के चलते ही स्थिति खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि खनन व्यवसायियों को चाहिए कि वह स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के साथ मिलकर रॉयल्टी के खिलाफ क्रेशर संचालकों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में वह भी भागीदारी करें तभी स्टोन क्रेशर खनन व्यवसायियों को अधिक रेट दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि यही हाल रहा तो स्टोन क्रेशर संचालक भी अपने क्रेशर बंद कर देंगे।
फोटो परिचय- गौला नदी का विहंगम दृश्य