उत्तर प्रदेश में छपे नकली नोटों को उत्तराखंड में चलाने आए दो युवकों को पुलिस ने भारी मात्रा में 500 के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बताया जा रहा है पकड़े गए दोनों आरोपी यूपी के भोगपुर बिजनौर में स्थित प्रिंटिंग मशीन में नकली नोट छापते थे, तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाकर नकली नोटों को खपाते थे।
उल्लेखनीय है कि एसओजी प्रभारी भुवन चन्द्र जोशी, एसआई ललित बिष्ट, हे. कां. विनय कुमार, खीम सिंह, दीपक कठैत, ललित कुमार, नीरज तथा राजेन्द्र कश्यप के साथ चैकिंग के दौरान संदिग्ध व्यक्ति की धरपकड़ एवं अवैध गतिविधियों की रोकथाम हेतु टांडा तिराहे पर थे कि तभी एक मुखबिर ने आकर बताया कि पुराना ढेला पुल के पास काली मोटर साईकिल के साथ दो लड़के खड़े है जोकि नकली करेंसी नोटों का काम करते हैं। मुखबिर की सूचना पर एसओजी की टीम पुराने ढेला पुल की ओर रवाना हुये। डिजायन सेंटर के सामने काशीपुर कोतवाली में तैनात एसआई अशोक कांडपाल व नवीन बुधानी कां. प्रेम कनवाल के साथ मिले जिन्हें मुखबिर की सूचना के संबंध में अवगत कराकर साथ में लिया।
एसओजी प्रभारी भुवन चंद्र जोशी ने बताया कि इसके बाद पुलिस की टीमें पुराना ढेला पुल के पास पहुंची जहां मुखबिर द्वारा बताये गये हुलिए के अनुसार सड़क किनारे बाईक के ऊपर बैठे दो युवकों घेरकर बिना भागने का मौका दिये पकड़ लिया। पकड़े गये पहले युवक ने अपना नाम राजेन्द्र सिंह उर्फ राजू (39 वर्ष) पुत्र सतनाम सिंह निवासी बैराज कालोनी, मौहल्ला शक्तिनगर, बिजनौर, उत्तर प्रदेश बताया। उसकी तलाशी लेने पर पांच-पांच सौ रुपयो के नोटों की दो गड्डियां बरामद हुई। जोकि देखने से ही नकली लग रही थीे। पकड़े गये युवक की पिछली जेब से एक ड्राईविंग लाईसेंस, एक एटीएम कार्ड, एक श्रम कार्ड राजेन्द्र कुमार नाम से, एक केनरा बैंक का एटीएम, एक एटीएम कार्ड इंडियन ओवरसीज बैंक जोकि पूनम कौर के नाम से, एक मोबाईल फोन बरामद हुआ।
वहीं, पीछे पेटी पकड़े बैठे व्यक्ति ने अपना नाम बूटा सिंह (30 वर्ष) पुत्र नरेन्द्र सिंह निवासी भोगपुर, पो. बढ़ापुर, नगीना, बिजनौर बताया, उसकी पेंट की जेब से एक मोबाईल आईफोन तथा हाथ में पकड़ी गत्ते की पेटी में से पांच-पांच सौ के नोटों की 98 गड्डियां बरामद हुई जोकि नकली प्रतीत हो रही थीं। जिनकी कुल कीमत 22 लाख आठ हजार पांच सौ रुपये है।
इतनी अधिक मात्रा में नकली करेंसी नोट बरामद होने पर जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो दोनों युवकों ने बताया कि यह नोट हम खुद प्रिटिंग मशीन से छापते है और इस जाली करेंसी को भीड़ भाड़ वाले शहरों में असली के रुप में बेचकर आर्थिक लाभ कमाते हैं। आज हम इन जाली नोटों को काशीपुर क्षेत्र में असली के रुप में उपयोग करने व बेचने आये थे कि आपने पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि भोगपुर, थाना बढ़ापुर जिला बिजनौर में उनका सीएचसी सेंटर है, उसी में जाली नोट बनाने की प्रिटिंग मशीन आदि उपकरण रखे हैं।
दोनों युवकों से पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी के बाद पुलिस उन दोनों युवकों को लेकर भोगपुर, बिजनौर पहुंचे और युवकों के द्वारा चलाये जा रहे जनसेवा केन्द्र में गये जहां मेज पर रखी जाली नोट मशीन बनाने की मॉनीटर लेनोवो कंपनी, एक प्रिंटर, मिनी सीपीयू, एक केबिल व एक पेपर कटर बरामद किया। बूटा सिंह के पास खड़े राजेन्द्र कुमार ने मेज की दराज को खोलकर उसमें से एक पेपर रिम कुल 100 अदद जो काले रंग की प्लास्टिक कवर में हैं तथा दराज से एक तरफ छपे हुये जाली नोट तथा बिना सीरियल नंबर अंकित नोट के पिछले सिरे के एक तरफ छपे हुये कुल 12 नोट तथा पूर्ण रुप से छपे हुये एक नोट तथा दो नोट बरामद कराये।
पुलिस द्वारा पूछने पर बताया कि हम इसी आफिस में बैठकर इन्हीं उपकरणों की मदद से जाली नोट बनाते है तथा कटिंग करने के उपरांत बचे अवशेष को हम रोज के रोज जला देते हैं। पकड़े गये व्यक्तियों को उनके जुर्म धारा 34, 489ए, 489बी, 489बी, 489 डी आईपीसी से अवगत कराते हुये गिरफ्तार कर लिया गया।