हल्द्वानी। सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नैनीताल कोषागार के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को 1,20,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शुक्रवार, 9 मई 2025 को नैनीताल कोषागार कार्यालय में की गई, जिसने सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर कर दिया।
शिकायतकर्ता, जो नैनीताल न्यायालय में कार्यरत है, ने सतर्कता अधिष्ठान को सूचना दी कि उसकी और उसके पांच अन्य सहकर्मियों की एसीपी (अखिल भारतीय सेवा वेतनमान) लगनी थी। इसके लिए नियमानुसार तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई थी, जिसमें वरिष्ठ कोषाधिकारी, नैनीताल को भी सदस्य बनाया गया था। कमेटी के दो सदस्यों ने हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं थे। शिकायतकर्ता ने जब इसकी वजह जाननी चाही, तो पता चला कि राणा हस्ताक्षर के लिए रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
दिनेश कुमार राणा के कार्यालय में तैनात अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी ने शिकायतकर्ता को फोन कर कार्यालय बुलाया। वहां जोशी ने बताया कि सीटीओ साहब (दिनेश कुमार राणा) का कहना है कि छह लोगों का 5-6 लाख रुपये का एरियर बन रहा है, और इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को 50-50 हजार रुपये देने होंगे। इस तरह 1,20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी सतर्कता विभाग को दी, जिसके बाद मामले की प्रारंभिक जांच में रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई।
पुलिस उपाधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर हल्द्वानी के नेतृत्व में एक ट्रैप टीम गठित की गई। टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए दिनेश कुमार राणा और बसंत कुमार जोशी को 1,20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए कोषागार कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, और मामले की गहन जांच की जा रही है।
निदेशक सतर्कता डॉ. वी. मुरुगेशन ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि कोई व्यक्ति रिश्वत मांगता है, तो इसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 या हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर करें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में जनता का सहयोग महत्वपूर्ण है।
यह घटना सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी की गहरी जड़ों को दर्शाती है। नैनीताल कोषागार जैसे महत्वपूर्ण विभाग में इस तरह की घटना ने आम लोगों का विश्वास डगमगा दिया है। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए मांग की है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य लोगों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएं। सतर्कता विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
