अंतरराष्ट्रीय

युद्ध रोकने को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस में चल रही वार्ता हुई खत्म……. जानिए क्या हुआ वार्ता में

युद्ध रोकने को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस में चल रही वार्ता हुई खत्म……. जानिए क्या हुआ वार्ता में

रूस द्वारा यूक्रेन में घुसकर किए जा रहे कब्जे के प्रयास के बीच रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस में चल रही बातचीत खत्म हो गई है। बेलारूस में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की करीब 3 घंटे से अधिक बातचीत हुई। हालांकि, पहले दिन की बातचीत में युद्ध को नहीं रोका जा सका है। बताया जा रहा है कि बातचीत के दौरान रूस से यूक्रेन ने कहा कि अपनी सेना को वापस बुलाएं राष्ट्रपति पुतिन। यूक्रेन ने रूस से मांग की है कि वह क्रीमिया और डोनबास से अपनी सेना को वापस बुलाएं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, कीव ने वार्ता में रूस से कहा है कि वह यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाए, जिसमें क्रीमिया और डोनबास भी है। उधर यूरोपियन यूनियन (EU) ने रूस के बाद बेलारूस पर सख्त बैन लगाने का फैसला किया है। लगातार रूस का समर्थन कर रहे बेलारूस ने रूस की सेना के साथ यूक्रेन के खिलाफ जंग में सैनिक उतारने का ऐलान किया है। यूक्रेन के अधिकारी का कहना है कि खार्किव पर रॉकेट हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं।

रूस ने 36 देशों की एयरलाइनों द्वारा उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया
युद्ध के दौरान प्रतिबंध लगाए जाने से नाराज रूस ने ब्रिटेन समेत 36 देशों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। बता दें कि यूरोप के ये देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं। यूरोपीय संघ ने रूस की एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने पर सहमति व्यक्त की है। इसी वजह से रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को अपना जेनेवा दौरा रद्द करना पड़ा है। लावरोवा यूएन की बैठक में शामिल होने जाने वाले थे।

रूस के केंद्रीय बैंक और सरकारी निवेश कोष पर नए प्रतिबंध लगाए गए
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन भेजने के लिए हथियारों पर करोड़ों यूरो खर्च किए हैं और साथ-साथ क्रेमलिन समर्थक मीडिया संस्थान को निशाना बनाया है। वहीं अमेरिकी वित्त विभाग ने सोमवार को कहा कि रूस के केंद्रीय बैंक और सरकारी निवेश कोष पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जापान, यूरोपीय संघ और अन्य देश अमेरिका के साथ मिलकर प्रतिबंधों के जरिये रूस के केंद्रीय बैंक को निशाना बना रहे हैं। वित्त विभाग के अनुसार, इस कदम से रूसी केंद्रीय बैंक अमेरिका या किसी अमेरिकी इकाई से कोई कोष नहीं जुटा पाएगा।

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