उत्तराखण्ड

साइबर ठगी की शिकार पुलिसकर्मी की बेटी की जब पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो पहुंची डीजीपी दरबार में….. पढ़ें क्या कहा डीजीपी ने

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हल्द्वानी में आज जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित कर लोगों के सुझाव लिए साथ ही उनकी समस्याएं भी सुनी, इस दौरान दर्जनों फरियादियों ने डीजीपी के जनता दरबार में पहुंच कर गुहार लगाई, जहां ट्रैफिक, साइबर, ड्रग्स सहित तमाम समस्याएं दर्ज हुई, इन सभी समस्याओं में से एक ऐसी शिकायत निकल कर आई जिसने डीजीपी का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित कर लिया, दरअसल हल्द्वानी मुखानी थाना क्षेत्र निवासी एक युवती शनिवार को हल्द्वानी थाने में एक साइबर क्राइम की समस्या को लेकर शिकायत दर्ज करवाने पहुची थीं, लेकिन शनिवार को दिनभर उन्हें पुलिस चौकियों व थानों के ही चक्कर काटने पड़े, वह सुबह 11 बजे से रात के 10 बजे तक पुलिस थानों में ही भटकते रहीं, जहां वह परेशान होकर आज डीजीपी के जनता दरबार में पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई, डीजीपी ने जल्द इस समस्या को हल करने और आरोपियों को धड़ पकड़ तेज करने का आश्वासन दिया।

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दरअसल युवती ने इंस्टाग्राम से एक पार्सल मंगवाया था, पीड़िता का कहना है कि हिमांशु शर्मा नाम के एक युवक की उनके पास कॉल आई और उनसे उन्हें एक लिंक भेजा उस युवक ने 02 रुपए कोरियर चार्ज देने की बात कही जैसे ही उस युवती ने लिंक ओपन किया तो मिनटों में लगभग 30 हजार रुपए अकाउंट से साफ हो गए। युवती का कहना है की उसके पिता भी नैनीताल पुलिस में हैं.

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डीजीपी अशोक कुमार ने कहा की साइबर अपराधों में अक्सर पीड़ितों की सहभागिता होती भी है, आप किसी को भी अपने बैंक से सम्बंधित डिटेल साझा ना करें। उन्होंने कहा इस तरह के साइबर अपराधों में पुलिस को आरोपियों की धड़ पकड़ करने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ती है, पहले भी पुलिस विशाखापट्नम, ओडिशा, महाराष्ट्र से आरोपियों को पकड़ कर लाई है, अकेले उत्तराखंड राज्य में प्रतिवर्ष 10 हजार केस साइबर अपराध से ही आते हैं, इसलिए सावधानी बरतें, डीजीपी ने आश्वासन दिया की इस प्रकरण को एसटीएफ को सौंपा जायेगा।

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