उत्तराखण्ड

उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में जहां मुख्यमंत्री ने दिया सख्त संदेश, वही नेता प्रतिपक्ष ने कहीं “हल्के में नहीं लेने” की बात… देखें दोनों वीडियो…

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार संविधान और कानून के अनुसार ही काम कर रही है। सरकार किसी वर्ग विशेष के खिलाफ नहीं है। लेकिन प्रदेश में लाल, नीली, पीली, हरी चादर डालकर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की कोशिश की गई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार देर शाम राज्य के 25 वर्ष के सफर चर्चा के दौरान जसपुर विधायक आदेश चौहान के बयान का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह बात कही। विधायक आदेश चौहान ने कहा कि या तो सरकार का अधिकारियों पर अंकुश नहीं है, या सरकार ने कह रखा है कि कुछ लोगों की बात सुननी नहीं है। इस बयान पर मुख्यमंत्री धामी खड़े हो गए और कहा कि प्रदेश में सबकी जायज और विधि सम्मत बात सुनी जाती है। एक वर्ग विशेष को डराने, धमकाने के आरोप संरासर गलत हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार हर काम संविधान और कानून के अनुसार करती है। लेकिन सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
वही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब अफसर मंत्री और विधायकों के फोन तक नहीं उठाते हैं। आर्य ने अफसरों की चेतावनी दी कि सबका हिसाब किताब रखा जाएगा। आज नहीं तो कल उनसे हिसाब लिया जाएगा।
यशपाल आर्य ने कहा राज्य में 2017 में 40 हजार करोड़ का कर्ज था। 2017 से 2025 तक 8 सालों में राज्य पर कर्ज 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया। उन्होंने कहा आर्थिक विकास दर 2019 में 20% थी, जो अब घटकर 11.7% रह गई है।
सदन में मसूरी के जार्ज एवरेस्ट जमीन लीज का मामला भी नेता प्रतिपक्ष ने उठाया। उन्होंने कहा पर्यटन विभाग की 760 बीघा (122 एकड़) जमीन है। विभाग ने विश्व बैंक से इस जमीन के सुधारीकरण के लिए 23 करोड़ का लोन लिया था। लेकिन पर्यटन विभाग ने इस जमीन को अब किसी निजी कंपनी को 1 करोड़ के सालाना कीमत पर लीज में दे दिया है। जबकि इसका बाजार मूल्य के तहत इसकी कीमत आज भी 27 हजार करोड़ से ज्यादा है।

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