उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने राज्य की सियासत के सभी दिग्गजों का भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया। मतदाताओं के मिजाज को देखते हुए आगामी 10 मार्च को मतगणना के दिन कई नए मिथक बनेंगे और कुछ के टूटने की भी संभावना जताई जा रही है। न केवल भाजपा-कांग्रेस बल्कि दलबदल कर नई पार्टियों से चुनाव लड़ने वाले नेताओं का राजनीतिक करियर भी मतदाता तय करने जा रहे हैं। हालांकि सभी राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने अपने पक्ष में भारी मतदान का दावा किया है।
- सीएम पुष्कर सिंह धामी: धामी अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने पुराने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी हैं। उत्तराखंड में सीएम को लेकर जारी मिथक की वजह से इस सीट के नतीजों पर सभी की नजर है
- पूर्व सीएम हरीश रावत: कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रावत कांग्रेस मुख्य चेहरा हैं। उनके टिकट को लेकर अंतिम क्षणों तक गतिरोध भी रहा। रावत की सीट के नतीजे का न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस के नेताओं को भी बेसब्री से इंतजार है।
- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे: उत्तराखंड में शिक्षा मंत्री के चुनाव को लेकर एक मिथक बना हुआ है। पांडे शुरू से दावा करते आ रहे हैं कि वो इस मिथक को तोड़कर रहेंगे। पांडे की चुनौती के परिणाम पर भी लोग टकटकी लगाए हुए हैं।
- कर्नल अजय कोठियाल (रि): राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में तीसरे विकल्प बनने के दावे के साथ चुनाव लड़ रही आप का सीएम चेहरा कर्नल कोठियाल हैं। कर्नल कोठियाल जिस गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ रहे है, सरकार बनने-न बनने को लेकर उससे भी एक मिथक जुड़ा है।
भाजपा:
मदन कौशिक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष- हरिद्वार नगर
प्रेमचंद अग्रवाल विस अध्यक्ष-ऋषिकेश
बंशीधर मंत्री, खाद्य मंत्री-कालाढुंगी
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री- चौबट्टाखाल
सुबोध उनियाल, कृषि मंत्री-नरेंद्र नगर
गणेश जोशी, सैनिक कल्याण मंत्री-मसूरी
धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री-श्रीनगर
रेखा आर्य, महिला-बाल विकास मंत्री- सोमेश्वर
स्वामी यतीश्वरानंद, ग्राम्य विकास मंत्री-हरिद्वार ग्रामीण
कांग्रेस:
प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष- चकराता
यशपाल आर्य, पूर्व काबीना मंत्री-बाजपुर
गणेश गोदियाल,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष- श्रीनगर
गोविंद सिंह कुंजवाल पूर्व विस अध्यक्ष-जागेश्वर
यूकेडी:
दिवाकर भट्ट, पूर्व मंत्री- देवप्रयाग
पुष्पेश त्रिपाठी, पूर्व विधायक-द्वाराहाट