हल्द्वानी। कुमाऊं ज्वैलर्स के स्वामी राजीव वर्मा पर फायरिंग करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कुमाऊं के प्रमुख शहर हल्द्वानी एवं उधम सिंह नगर के प्रमुख शहर काशीपुर तथा अन्य क्षेत्रों के प्रमुख व्यापारियों से रंगदारी वसूलने तथा उन्हें धमकाने के मामले एक के बाद एक उजागर होने लगे हैं तथा बदमाशों द्वारा पूर्व में की गई दुस्साहसिक हरकतों की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। इस बार बदमाशों द्वारा फायरिंग ज्वेलर्स राजीव व उनके छोटे भाई द्वारा न्यायालय में गवाही देने से नाराज होकर की गई। इसके साथ ही बदमाशों द्वारा रंगदारी मांगने एवं वसूलने की बात भी पुलिस जांच में सामने आ रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार राजीव के भाई पंकज से बदमाश मनोज अधिकारी ने वर्ष 2021 में 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर मनोज ने साथी बदमाशों के साथ मिलकर इनकी दुकान में घुसकर धमकी दी थी। राजीव बदमाशों की उनके शो रूम में धमक से घबराए नहीं और दोनों भाईयों ने बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस बीच बदमाश मनोज ने राजीव व पंकज को गवाही न देने के लिए हर एंगल से समझाया, वे नहीं माने तो उन्हें धमकाया भी । लेकिन दोनों भाई गवाही देने पर अड़े रहे।
इसपर मनोज ने गुरदीप सहित अन्य साथियों के साथ दो नवंबर की रात राजीव पर फायरिंग कर दी। हालांकि इस हमले में राजीव बाल-बाल बच गए।
पुलिस जांच में पता चला कि हल्द्वानी में फायरिंग के बाद बदमाश गुरुवार को गूलरभोज में पार्टी करने पहंचे थे। वहां उन्होंने शराब भी पी थी। इस बीच पुलभट्टा निवासी आकाशदीप सिंह ने उन्हें बरा स्थित एक ढाबे पर बुला लिया। बदमाश बाइक से बरा पहुंचे।
इस बीच बदमाशों की लोकेशन पुलिस खंगालती रही। नैनीताल और उधमसिंह नगर पुलिस आपसी समन्वय से काम करते हुए उनके पीछे ही थी। यह अलग बात है कि पुलिस से बचाने के लिए बदमाश अपने मोबाइल फोन बार बार आन आफ करते रहे। बरां में पुलिस और बदमाशों के बीच गोलीबारी हुई और बदमाश गुरदीप सिंह के पैर में गोली लग गई। उसके अन्य साथी फरार हो गए। इनमें से एक को सितारगंज पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि यदि बरा पुलिस थोड़ा सूझबूझ से काम करते हुए सादी वर्दी में मौके पर पहुंचकर नैनीताल पुलिस का सहयोग करती तो आज मुख्य बदमाश मनोज अधिकारी भी पुलिस के कब्जे में होता, परंतु ऐन मौके पर बरा पुलिस द्वारा सरकारी वाहन से वाबर्दी ढाबे में पहुंच जाने के चलते बदमाश सतर्क हो गए और उन्होंने गन्ने के खेत में दौड़ लगा दी, इस बीच हुई फायरिंग में गुरदीप जरूर घायल हुआ परंतु मौके का फायदा उठाकर मनोज अधिकारी समेत दो बदमाश भागने में सफल हो गए।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार दो नवंबर की रात वह गुरदीप अपने साथी रमन कपूर उर्फ जिम्मी के साथ मनोज अधिकारी की मदद के लिए हल्द्वानी गया था। रमन कपूर और आकाशदीप सिंह के साथ वह भी वर्ष 2021 में लालकुआं डकैती के मामले में जेल गया था।
उसी के बाद मनोज अधिकारी से उसकी दोस्ती हुई। फरार रमन कपूर, मनोज अधिकारी और आकाशदीप सिंह की तलाश की जा रही है। इसके लिए पुलिस टीम सितारगंज, नानकमत्ता, किच्छा, पुलभट्टा से सटे जंगल और नदी के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी डटी है।
घायल बदमाश गुरदीप सिंह पर लालकुआं, गदरपुर में कई केस दर्ज हैं। गुरुवार को एक और केस पुलभट्टा थाने में दर्ज किया गया। लालकुआं में उस पर डकैती और गैंगस्टर का केस दर्ज है। गदरपुर में जानलेवा हमला और आर्म्स एक्ट के केस हैं। देवेंद्र सिंह, रमन कपूर, मनोज अधिकारी और आकाशदीप सिंह का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।