उत्तराखण्ड

आंचल दूध एवं दुग्ध पदार्थ पूरी तरह स्वच्छ तथा पौष्टिक………….. अफवाह फैलाने वालों पर होगी यह कार्रवाई:- मुकेश बोरा…………….

लालकुआं। नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ व कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने कहा कि आंचल दूध पूरी तरह सुरक्षित एवं पौष्टिक है, तथा उपभोक्ताओं को इसके सेवन से कोई नुकसान हो ही नहीं सकता है, उन्होंने कहा कि इस मामले की दोबारा जांच करवाई जाएगी। दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने कहा कि आंचल गोल्ड के सारे सैंपल मानक पर खरे उतरे हैं, लैब ने क्लीन चिट भी दी है, तो ऐसे में प्वाइंट जीरो 8 पीपीएम का अंतर गले से नहीं उतर रहा, दूध के सैंपल उच्च लैब को भेज मामले की जांच कराई जाएगी। बोरा ने कहा कि आंचल दूध की छवि खराब करने की कोशिश भी हो सकती है, जिसकी वह विभागीय जांच कराएंगे। चेयरमैन मुकेश बोहरा ने बताया कि नैनीताल दुग्ध संघ के 72 नमूने लिए गए थे जो कि सभी पास हैं। दुग्ध संघ के दूध व दुग्ध उत्पाद पूरी तरह मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित एवं लाभदायक है।
यूसीडीएफ के प्रशासक मुकेश बोरा ने कहा कि माह जनवरी, 2023 में प्रदेश के विभिन्न दुग्ध संघों से कुल 109 सैम्पल तरल दूध, छांछ आदि के खाद्य सुरक्षा विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा लिए गये थे, जिसमें से 107 सैम्पल की गुणवत्ता मानक के अनुरूप पाया गया। कुल 109 सैम्पल में से 72 सैम्पल नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं से लिए गये थे, जो समस्त 72 सैम्पल मानकों के अनुरूप पाये गये। कुल सैम्पल में से मात्र 02 सैम्पल निर्धारित मानक से कम पाया गया है। एक सैम्पल हरिद्वार दुग्ध संघ का था, जिसका वसा एवं एस०एन०एफ० मानक से कम पाया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा लैब में कराये गये जांच के अनुसार, एक सैम्पल देहरादून दुग्ध संघ में निर्मित आंचल गोल्ड तरल पैक्ड दूध में मैलामाईन की मात्रा निर्धारित मानक 2.50 PPM के स्थान पर 2.58 PPM पाया गया है, जो मानक से 0.08 PPM अधिक है। यूसीडीएफ के प्रशासक मुकेश बोरा द्वारा अवगत कराया गया कि आंचल गोल्ड तरल दूध में वसा एवं एस०एम०पी० मिलाया जाता है, जो मानक के अनुरूप सही है जिस वसा एवं एस०एम०पी० के भी सैम्पल खाद्य सुरक्षा विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा सही ठहराया गया है, उसी वसा एवं एस०एम०पी० का उपयोग आंचल गोल्ड तरल दूध में मिलाया गया है। ऐसी स्थिति में आंचल गोल्ड तरल दूध में मैलामाइन की मात्रा मानक से अधिक पाया जाना संदेहात्मक है। इसके लिए संबंधित सैम्पल को गाजियाबाद लैब / उच्च स्तरीय लैब में पुनः गुणवत्ता परीक्षण कराने के लिए भेजने हेतु खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया गया है, जिससे कि प्रदेश में लाखों उपभोक्ताओं, जो कि आंचल ब्राण्ड पर विश्वास करते हैं, उनका विश्वास बना रहे, इस हेतु उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है। साथ ही, यह भी आश्वस्त किया गया कि आंचल उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्तायुक्त तरल दूध एवं दुग्ध पदार्थों को उपलब्ध कराना शीर्ष प्राथमिकता हैं यदि इसमें किसी स्तर से चूक हुई तो संबंधित के विरूद्ध कठोर प्रशासनिक कार्यवाही की जायेगी।

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दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने कहा कि दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा जहां आंचल मिल्क पार्लर व आंचल कैफे प्रदेश के विभिन्न स्थानों में खोलकर आंचल ब्राण्ड को हर उपभोक्ता की पहूँच तक ले जाकर स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ नवजात शिशुओं, महिलाओं, छात्र-छात्राओं एवं बुजुर्गों को आंचल दूध व दूध उत्पादों सुलभ कराने के साथ-साथ पहली बार उत्पादकों हेतु भी भारी-भरकम प्रोत्साहन राशि भी जारी कर दी गई है, जिसके प्रदेश के 53 हजार दुग्ध उत्पादकों की ओर से सराकर का धन्यवाद ज्ञापित किया। उक्त प्रेस कान्फ्रेन्स में फैडेरेशन से डॉ०एच०एस०कुटौला, प्रभारी सामान्य प्रबंधक, डॉ० अजीत सिंह एवं संजय सिंह भाकुनी उपस्थित रहे।

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