उत्तराखण्ड

सेंचुरी मिल के आईटीसी से जुड़ जाने के बाद होंगे इस तरह के बदलाव, लिए जाएंगे यह महत्वपूर्ण फैसले, पढ़ें सेंचुरी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां…….

लालकुआं। भारत की प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी इंडियन लिमिटेड (आइटीसी) ने एशिया की सबसे बड़ी पेपर मिलों में शुमार लालकुआं स्थित सेंचुरी पल्प एंड पेपर को खरीद लिया है। यह सौदा 3,498 करोड़ रुपये में हुआ है।
आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (एबीआरईएल) के बोर्ड ने सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल को आइटीसी को 3,498 करोड़ रुपये में अपना पल्प और पेपर कारोबार बेचने की घोषणा की है। सोमवार को स्लंप सेल के माध्यम से कारोबार हस्तांतरण समझौते के निष्पादन को मंजूरी दे दी गई। लालकुआं की पल्प एंड पेपर मिल उच्च गुणवत्ता वाले कागज उत्पादन के लिए जानी जाती है। 1984 में स्थापित यह मिल क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती आई है। सेंचुरी मिल की स्थापना में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की भूमिका अहम मानी जाती है। गन्ने की खोई (बगास), गेहूं के भूसे, पापलर, यूकेलिप्टिस और अन्य कृषि अवशेषों से यहां कागज
बनाया जाता है। वर्तमान में मिल में आइजीपी, डब्ल्यूपीपी, बगास, टिशू, बोर्ड के सात प्लांट संचालित है। जिसमें कागज, टिश्यू, बोर्ड और पल्प का उत्पादन होता है। मिल की क्षमता प्रतिदिन करीब 1400 एमटी उत्पादन की है। सेंचुरी के उत्पादों को देश ही नहीं विदेश में भी काफी मांग है। इसलिए इसे भारत की प्रमुख कागज उत्पादन इकाइयों में से एक माना जाता है। आदित्य बिरला ग्रुप की ओर से अधिग्रहण किए जाने के बाद मिल में तकनीकी उन्नति और उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई। मिल का परिसर 200 एकड़ (0.81 वर्ग किमी) में फैला हुआ है। जिसमें उत्पादन इकाइयां, प्रशासनिक भवन और कर्मचारी आवास बनाए गए हैं।
क्षेत्र के विकास में अग्रणीय मानी जाने वाली सेंचुरी इकाई के आईटीसी ग्रुप द्वारा खरीद लिए जाने के बाद अब इसके नाम को बदलने की पूरी संभावनाएं है, यहां तक कि वर्तमान में चल रहे तमाम तौर तरीके, मिल से जुड़ी गतिविधियां भी पूरी तरह बदले जाने की संभावनाएं जताई जाने लगी है। सेंचुरी पेपर मिल के आईटीसी ग्रुप से जुड़ जाने के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है, वैसे सेंचुरी पेपर मिल की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान नहीं आया है परंतु मिल के भविष्य को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है, क्षेत्र वासियों का मानना है कि आईटीसी स्थानीय युवाओं एवं बेरोजगारों को प्राथमिकता के आधार पर मिल में स्थान देगी, साथ ही क्षेत्र के तमाम विकास योजनाओं एवं कार्यों को अमलीजामा पहनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य करेगी।

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