लालकुआं। उत्तराखंड शासन द्वारा जारी अधिसूचना में न्याय अनुभाग के अपर सचिव सुधीर कुमार सिंह द्वारा कहा गया है कि उत्तराखण्ड वादकारिता नीति 2011 एवं उच्चतम न्यायालय तथा उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में उत्तराखण्ड राज्य के विधि अधिकारियों की नियुक्ति तथा पदावधि के लिए सामान्य अनुदेश, 2016 (यथासंशोधित) के प्रस्तर-4 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से पैरवी करने हेतु वर्णित विधि अधिकारी को तत्काल प्रभाव से, अग्रेत्तर आदेश तक, निम्नवत आबद्ध किए जाने की राज्यपाल, द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई हैं। इनमें बिन्दुखत्ता निवासी तथा दंड एवं सिविल न्यायालय हल्द्वानी के साथ ही उच्च न्यायालय नैनीताल में बतौर अधिवक्ता सेवा दे रहे एडवोकेट प्रदीप लोहनी का नाम ब्रीफ होल्डर (क्रिमिनल) के रूप में उल्लेखित हैं।
विदित् रहे कि प्रदीप लोहनी बिन्दुखत्ता के कृषक परिवार से हैं तथा उनके पिता हरीश चंद्र लोहनी पूर्व सैनिक होने के साथ ही सेंचुरी पेपर मिल के टेलीफोन विभाग से सेवानिवृत हैं। एडवोकेट प्रदीप लोहनी की पहचान गरीब व समाज के वंचित लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ने वाले एक कर्मठ व जुझारू अधिवक्ता के रूप में हैं। अब तक वह हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट, अपहरण, आदि जैसे गंभीर अपराधों में फसे बेकसूर लोगों को बाइज्जत बरी कराकर न्याय दिला चुके हैं। वही अब उच्च न्यायालय नैनीताल में राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाने का कार्य करेंगे।
एडवोकेट प्रदीप लोहनी से बात करने पर उन्होंने कहा कि अधिवक्ता के नाते उन्होंने हमेशा न्याय करने में न्यायालय का सहयोग किया हैं। अभी तक बचाव पक्ष के अधिवक्ता के नाते उनका कार्य बेकसूर को बचाना था तथा अब अभियोजन के तरफ से पैरवी करते हुए उनका लक्ष्य होगा कि कोई भी अपराधी बच न पाये।
फाइल फोटो- प्रदीप लोहनी