उत्तराखण्ड

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के घर दिनदहाड़े हुई डकैती का पुलिस ने किया पर्दाफाश…… चार डकैत गिरफ्तार…… पढ़ें मास्टरमाइंड ने किस तरह दिया घटना को अंजाम……

डोईवाला क्षेत्र में 4 दिन पूर्व उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के घर में दिनदहाड़े हुई डकैती के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस पूरे मामले में मुजफ्फरनगर के रहने वाले चार बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से पांच लाख रुपए से अधिक की नकदी और डकैती में इस्तेमाल किए गए वाहन और हथियार भी बरामद किये है। प्रेमचंद्र अग्रवाल के भाई के घर में बदमाशों द्वारा की गई डकैती की घटना में प्रेमचंद अग्रवाल के भाई शीशपाल अग्रवाल की पत्नी और उनकी दोनों नौकरानियों को हथियार के बल पर बंधक बनाया और एक करोड़ से अधिक की डकैती की घटना को अंजाम दिया था।

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जिसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी, लॉ एंड आर्डर को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में थी, ऐसे में पुलिस ने इस पूरे मामले एसएससी दिलीप सिंह कुंवर के निर्देश के बाद एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने पुलिस टीमों की मोनिटिंग करने के साथ ही खुद टीम के साथ रहकर उनको लीड किया, उक्त डकैती कांड के खुलासे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, डीजीपी अशोक कुमार समेत पुलिस के आला अधिकारियों ने एसपी देहात कमलेश उपाध्याय को शाबाशी दी है।
सूत्रों के पता चला कि महबूब ठेकेदार जिसने दो वर्ष पहले शीशपाल अग्रवाल के घर में कारपेंटर का काम किया था, वह घटना के बाद से लापता था, उसका फोन भी बंद आ रहा था, इस आधार पर पुलिस ने ठेकेदार की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए महबूब की तलाशी शुरू कर दी, लेकिन महबूब किसी रिश्तेदारी और अपने किसी भी परिचित के घर नहीं मिला, टीम लगातार महबूब को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थी, इसी बीच मुजफ्फरनगर का रहने वाला महबूब पूरी घटना का मास्टरमाइंड पाया गया,
पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर ठेकेदार और उसके तीन अन्य साथियों को स्विफ्ट डिजायर कार के साथ गिरफ्तार कर लिया, पकड़े गए तीन अन्य आरोपी मुनव्वर, समीम और तहसीम के खिलाफ पुलिस ने डकैती और माल बरामदगी से संबंधित धाराओं में दर्ज मुकदमें में इन अपराधियों का नाम तरमीम किया है, इस मामले में अभी पांच अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनको पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा लगातार दबिश दी जा रही है, पूरे मामले का खुलासा करने पर डीजीपी अशोक कुमार की ओर से एक लाख रुपए और डीआइजी गढ़वाल की तरफ से पचास हजार रुपए का इनाम दिया गया है।

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