उत्तराखण्ड

भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष से मिले शिष्टमंडल ने उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा एवं लोक सेवा आयोग को लेकर रखी यह महत्वपूर्ण मांग

भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष से मिला पीसीएस अभ्यर्थियों का शिष्टमंडल ,परीक्षा स्थगित करने व महिला आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग।

भाजयुमो के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत से आज युवाओं के एक शिष्टमंडल ने युवासमाजसेवी पीयूष जोशी व अनिल टम्टा के नेतृत्व मुलाकात की व ज्ञापन सौंपकर सरकार से युवाओं के इस ज्वलंतम मुद्दे को उठाने की मांग करी।
इस दौरान पीसीएस अभ्यर्थियों ने कहा कि राज्य में 6 वर्ष के बाद आयोजित हो रही जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 3 अप्रैल 2022 को सम्पन्न हुई थी. इसमें मुख्य परीक्षा हेतु राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा अभी तक 6 से अधिक बार परिणाम जारी किए हैं। इस संदर्भ में दिनांक 22 सितंबर को जारी परिणाम में लगभग 2600 एवं 19 अक्टूबर को जारी परिणाम में लगभग 1700 अभ्यर्थियों कुलमिलाकर 4000 से अधिक अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु योग्य घोषित किया है। इस परिणाम में उत्तराखंड राज्य पुनर्गठन प्रश्न पर परीक्षा से बाहर हुए छात्रों के परिणाम भी शामिल हैं जिन्हें अपने परिणाम हेतु माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा व न्यायालय की फटकार के बाद परिणाम घोषित हो सका। अभ्यर्थियों ने बताया कि राज्य लोकसेवा आयोग ने इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु मात्र 20 दिन का समय दिया है, जिससे राज्य के पीसीएस अभ्यर्थी निराशा के माहौल में हैं।
अभ्यर्थियों ने बताया कि आयोग द्वारा 12-15 नवम्बर को मुख्य परीक्षा की तिथि निर्धारित की है, जिसमें इन संविधान में प्रदत्त अभ्यर्थियों के समानता के अधिकारों का गम्भीरता से हनन किया गया है।
इस के अतिरिक्त राज्य लोक सेवाओं में स्थानीय महिलाओं को दिए जा रहे 30% क्षैतिज आरक्षण की जिसमें बाहरी राज्य की महिलाओं द्वारा दी गयी चुनौती के संदर्भ में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को उत्तराखंड हाइकोर्ट में निर्धारित है।
जहां एक ओर राज्य सरकार एसएलपी एवं अध्यादेश के माध्यम से राज्य की महिलाओं को दिए जा रहे 30 क्षैतिज आरक्षण का बचाव करने का प्रयास कर रही है, वहीं राज्य लोक सेवा आयोग बाहरी महिलाओं को परीक्षा में बैठाकर परीक्षा सम्पन्न करवाने पर तुला हुआ है।
यह उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार 30% क्षैतिज आरक्षण में सरकार से अग्रिम दिशानिर्देश प्राप्त होने तक आयोग ने वन क्षेत्राधिकारी (एफआरओ) राज्य न्यायिक सेवाओं जैसे अहम भर्तियों को स्थगित किया हुआ है, वहीं सिर्फ पीसीएस परीक्षा को बिना महिला आरक्षण सुनिश्चित करवाये संपन्न करना आयोग की कार्यप्रणाली को संदेहास्पद भी बना देता है।
जिस पर प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत द्वारा तत्काल उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात हेतु कल का समय मांगा साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार युवाओं के हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है व वह स्वयं युवाओं के ज्वलंत मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री सहित तमाम बड़े नेताओं से बात करेंगे ।

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ज्ञापन सौंपने वालों में युवा समाजसेवी पीयूष जोशी,अनिल टम्टा,संजय भट्ट पंकज भट्ट,अजय आदि लोग मौजूद रहे।

बॉक्स :
छात्रों ने रखी ये प्रमुख मांगे :

  1. अन्य परीक्षाओं की भांति PCS परीक्षा को भी तब तक स्थगित रखा जाए जब तक सरकार महिलाओं के पक्ष में 30% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित नहीं कर लेती।
  2. यदि लोक सेवा आयोग को PCS मुख्य परीक्षा सम्पन्न करवानी ही है तो दिनांक 19 अक्टूबर को चयनित अभ्यर्थियों को तैयारी हेतु न्यूनतम 3 महीने का समय अवश्य दिया जाए, ताकि वे भी समान रूप से अन्य परीक्षार्थियों की भांति परीक्षा में प्रतिभाग कर सकें।
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