फर्जी मार्कशीट के जरिए उत्तर प्रदेश और कुमाऊं के दर्जनों युवा सरकारी और अर्धसरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं। एसओजी ने खटीमा में 10 साल से उत्तर प्रदेश और पांच साल से कुमाऊं मंडल के युवाओं से 20-20 हजार रुपये लेकर फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद इसकी पुष्टि की है। एसओजी ने सूची तैयार कर जांच शुरू कर दी है।
स्पेशल आपरेशन ग्रुप ने खटीमा में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का शनिवार को पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने मार्कशीट बनाने वाले कंप्यूटर समेत अन्य उपकरण बरामद करते हुए चम्पावत निवासी मनोज कुमार और खटीमा निवासी कुलदीप ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया। गिरोह का सरगना खटीमा निवासी मोहित सक्सेना फरार है। एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि वह इस धंधे में पांच साल से हैं।
पिथौरागढ़, बागेश्वर के साथ ही खटीमा और नानकमत्ता क्षेत्र के 50 युवाओं के पांच साल में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट बना चुके हैं। इसमें से कुछ रोडवेज के टनकपुर डिपो के चालक और परिचालक पद पर नौकरी कर रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य अद्र्धसरकारी विभागों में भी तैनाती की आशंका है। गिरोह का फरार सरगना मोहित 2010 से यह काम कर रहा है।
वह कुमाऊं के साथ ही उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक युवाओं के भी फर्जी मार्कशीट बना चुका है। एसओजी प्रभारी के मुताबिक फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले कुमाऊं के 50 युवाओं की सूची तैयार कर उनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा फरार सरगना की तलाश की जा रही है। जिसके बाद उससे फर्जी मार्कशीट बनवाने वाले उत्तर प्रदेश के युवाओं का पता लगाकर यूपी पुलिस की मदद से उनकी भी जांच की जाएगी।
एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट को बीते दिनों जिले में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद उन्होंने अपना मुखबिर तंत्र सक्रिय कर दिया। मुखबिर जैसे तैसे गिरोह के सदस्यों तक पहुंचा और उनसे मार्कशीट बनवाने की बात कहीं। 20 हजार में सौदा तय होने के बाद उन्होंने मुखबिर से आधार कार्ड, फोटो, माता-पिता का नाम और पता मांगा। साथ ही एक सप्ताह में मार्कशीट ले जाने को कहा। शुक्रवार को जब मुखबिर मार्कशीट लेने गया तो एसओजी ने घेराबंदी कर गिरोह से जुड़े आरोपितों को दबोच लिया।
सीडीआर खोलेगा गिरोह से जुड़े लोगों का राज
फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह में तीन लोग ही है या फिर कुमाऊं मंडल के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई और लोग भी। इसकी जांच अब पुलिस करेगी। पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपितों और उनके सरगना की सीडीआर निकालेगी।