रूस और यूक्रेन के बीच जंग के बीच वहां शिक्षा ग्रहण कर रहे भारतीय छात्र-छात्राएं राजधानी कीव के अलावा खारकीव, लिवीव जैसे शहरों में फंसे हुए हैं। सेना की ओर से तैयार किए गए बंकरों, रेलवे स्टेशनों के सबवे में शरण लिए हुए लोगों को दूतावास की ओर से किसी भी तरह से पोलैंड की सीमा तक पहुंचने को कहा गया है, लेकिन वहां जाने वाली सड़क पर 25 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। यहां कई तो पैदल ही पोलैंड सीमा की ओर चल दिए हैं।
गाजियाबाद निवासी विनीत कुमार चौधरी, उत्तराखंड के सूर्यांश सिंह र्बिष्ट, ओसामा कुरैशी, बिहार निवासी छात्र जीतेश व आशुतोष और राजस्थान निवासी राजेंद्र कुमार, गोपाल व अंकित सहित उनके कई साथी पोलैंड की सीमा तक पहुंचने के लिए पैदल ही रवाना हो गए हैं। पूरे यूक्रेन से भारी संख्या में लोग पौलेंड की सीमा पर पहुंच रहे हैं, जिसके चलते गाड़ियों का भी गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
75 किलोमीटर दूर पोलैंड की सीमा
स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लिवीव से पोलैंड की सीमा 75 किलोमीटर दूर है और गाड़ियां नहीं मिलने की स्थिति में बड़ी संख्या में लोग पैदल ही निकल पड़े हैं। सड़क पर युद्ध से खौफजदा लोग भागकर पोलेंड की सीमा पर पहुंच रहे हैं, जिसमें भारी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं।
राज्य के तमाम नागरिक यूक्रेन में निवासरत हैं। वर्तमान में यूक्रेन में राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए वहां रह रहे देहरादून जिले के नागरिकों का विवरण जिसमें उनका नाम, जिला और यूक्रेन में पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल, पासपोर्ट नंबर आदि का विवरण आपदा कंट्रोल रूम देहरादून के दूरभाष नंबर 0135-2726066, 1077 (टोल-फ्री), 07534826066 व ई-मेल आईडी- [email protected] पर अथवा आपातकालीन नंबर-112 पर भी उपलब्ध करा सकते हैं।