उत्तराखण्ड

लालकुआं के लोगों को मालिकाना हक देने के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ने किया कटाक्ष

लालकुआं के लोगों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा मालिकाना हक मामले में कार्रवाई करने को लेकर पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत द्विवेदी द्वारा की गई प्रेस वार्ता तथा क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का द्वारा 20 दिसंबर को 10 लोगों को जमीन के कागजात देने के बयान के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार के दौरान लालकुआं के लोगों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक देने के लिए शासनादेश जारी किया गया था, उसके बाद कांग्रेस की सरकार चली गई और भाजपा की सरकार आ गई परंतु 5 साल आज बीतने को है परंतु भाजपा सरकार द्वारा आज तक लालकुआं के लोगों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक देने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया। अब जब चुनाव सर पर है तो भाजपा के नेता लालकुआं के लोगों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक देने के लिए उन्हें लालीपाप दिखा रहे हैं। पूर्व मंत्री दुर्गापाल ने कहा कि उन्हें भाजपा की कथनी और करनी में अंतर दिखाई दे रहा है, क्योंकि भाजपा सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान मालिकाना हक की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाले रखी, उन्होंने एक शासनादेश जारी किया जिसमें लालकुआं के लोगों को 2004 के रेट के हिसाब से मालिकाना हक देने की बात कही। जब लोगों ने इसका विरोध किया तो सरकार बैकफुट पर आ गई, और कांग्रेस सरकार द्वारा निर्धारित किए गए वर्ष 2000 के सर्किल रेट के हिसाब से मालिकाना हक देने की बात कह कर लोगों को लॉलीपॉप दिया जा रहा है। दुर्गापाल ने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा की कथनी और करनी पर बिल्कुल विश्वास नहीं है, उन्हें नहीं लगता कि भाजपा सरकार अपने कार्यकाल के दौरान लालकुआं के लोगों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक दे पाएगी। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे ही तमाम राजनीतिक दलों के बीच तल्ख़ियां बढ़ती जा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जैसे ही लालकुआं के लोगों को मालिकाना हक देने की बात कही गई तो कांग्रेस ने उनकी कथनी और करनी पर ही सवाल उठाना शुरू कर दिया।

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