उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान संपन्न होने के बाद अब राज्य की 5वीं विधानसभा चुनाव में 632 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. 10 मार्च को मतगणना के बाद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला सबके सामने आएगा. इस बीच सभी ईवीएम मशीनों को कड़ी सुरक्षा घेरे में स्ट्रांग रूम में रखा गया है. उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में अलग-अलग जगहों पर स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं. इन स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीनों को सीआरपीएफ पीएसी और राज्य पुलिस की त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इसके अलावा हर स्ट्रांग रूम के अंदर और बाहर हर कोने पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है.
कैसे की जा रही सुरक्षा
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप सिंह शाह ने सुरक्षा घेरे को लेकर कहा कि बिना अनुमति के कोई भी अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है. स्ट्रांग रूम पूरी तरह से सील हैं और सुरक्षा व्यवस्था के सभी मानकों को अपनाया जा रहा है. स्ट्रांग रूम की नियमित जांच की जा रही है और इसकी वीडियोग्राफी भी की जा रही है जिसका बाहर डिस्पले किया जा रहा है. अधिकृत अधिकारियों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति स्ट्रांग रूम के आस पास नहीं जा सकता है. इसके लिए बाकायदा उनकी एंट्री की जाती है.
ईवीएम सीसीटीवी की नजर में
स्ट्रांग रूम के एंट्री प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरा है, जिससे हर आने जाने वाले की तस्वीर इस पर रिकॉर्ड होती रहती है. अगर कोई संबंधित अधिकारी स्ट्रांग रूम में जाना चाहे तो उसे सुरक्षा बलों को दी गई लॉग बुक पर आने का टाइम, अवधि और नाम की एंट्री करनी होती है.
प्रत्याशियों को देखरेख की अनुमति
राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप सिंह शाह ने बताया कि प्रत्याशी स्ट्रांग रूम की देखरेख कर सकता है. प्रत्याशियों को भी स्ट्रांग रूम की देखरेख की अनुमति होती है. एक बार स्ट्रांग रूम सील होने के बाद काउंटिंग के दिन सुबह ही खोला जाता है. अगर विशेष परिस्थिति में स्ट्रांग रूम खोला जा रहा है तो यह प्रत्याशियों की मौजूदगी में ही संभव होगा.