प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदरीनाथ धाम में बीआरओ के गेस्ट हाउस में बनाए रात्रि प्रवास स्थल पर पहुंचे। जनसभा के तुरंत बाद यहां बदरीनाथ और माणा गांव में तेज बर्फबारी और बारिश शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर अधिकारियों के साथ मास्टर प्लान पर व्यापक चर्चा की।
पीएम के भाषण की खास बातें
21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं। पहला- अपनी विरासत पर गर्व, दूसरा- विकास के लिए हर संभव प्रयास। पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रखा है कि कुछ लोगों को विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हैं। पहले देश में अपनी ही संस्कृति को लेकर हीन भावना थी। लेकिन अब केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, काशी उज्जैन अयोध्या जैसे श्रद्धा के केंद्र अपनी भव्यता को दर्शा रहे हैं। देश में अब गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। कहा कि पहले की सरकारों ने सीमांत के लोगों के सामर्थ्य को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया है। पीएम ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए और उसे आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि अब तो मेरे लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है। कहा कि पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं , यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयाग किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि माणा गांव से जुड़ी अपनी पुरानी स्मृति बताते हुए कहा कि आज से 25 वर्ष पहले जब वह उत्तराखण्ड में भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते थे एक अनजाने जीवन के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे तो उस समय उनके द्वारा माणा में उत्तराखण्ड भाजपा कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी, तो मेरे कार्यकर्ता नाराज भी हुए थे इतने दूर इतनी मेहनत से जाना पड़ेगा।