भाड़ा बढ़ाने एवं रॉयल्टी कम करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत खनन व्यवसायियों के सब्र का बांध आज टूट गया। आक्रोशित व्यवसाई उधम सिंह नगर के शांतिपुरी क्षेत्र में स्थित पांच स्टोन क्रेशरो में गए और वहां भरी जा रही खनन की गाड़ियों को खाली कराकर उन्होंने स्टोन क्रेशरो को बंद करा दिया। इस दौरान उनकी क्रेशर संचालकों से तीखी नोकझोंक भी हुई, जिसमें खनन व्यवसाईयो ने स्टोन क्रेशर स्वामियों पर वादाखिलाफी एवं धोखाधड़ी करने का खुला आरोप लगाया। खनन व्यवसायियों का कहना था कि स्टोन क्रेशर स्वामी और खनन व्यवसाई एक दूसरे के पूरक है। आज जब खनन व्यवसाई मुसीबत में है तो क्रेशर संचालक उनका साथ देने के बजाय मोटा मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कई ऐसे खनन से भरे वाहनों को पकड़ लिया जिनमें वजन तो कम था परंतु माल ओवरलोड भरा हुआ था। खनन व्यवसायियों द्वारा की जा रही उक्त कार्रवाई से क्रेशर संचालकों में हड़कंप मच गया। वहीं खनन सामग्री लेने आये वाहनों में भगदड़ मच गयी। खनन व्यवसाई भी अत्यधिक आक्रोशित हो उठे थे।
उन्होंने खनन से भरी गाड़ियों को परिसर परिसर में ही खाली कराकर उक्त गाड़ियों को क्रेशर से बाहर कर दिया। खनन व्यवसायियों का आक्रोश देख स्टोन क्रेशर संचालकों ने आज से अपने क्रेशर बंद रखने का जब उन्हें आश्वासन दिया तब खनन व्यवसाई शांत हुए। सैकड़ों की संख्या में उक्त क्रेशरो में पहुंचे खनन व्यवसायियों में मुख्य रूप से जीवन कबड़वाल, वीरेंद्र दानू, गोकुल सिंह पपोला, भगत सिंह मेहरा, कविंद्र कोरंगा, कपिल रावत, भूपेश बिष्ट, तारा नगरकोटी, मोहम्मद शादाब सहित भारी संख्या में खनन व्यवसाई शामिल थे।