उत्तराखण्ड

रेलवे के ठेका श्रमिक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले में 15 घंटे तक धरना चलने के बाद हुआ समझौता, परिवार ने इस शर्त पर अंतिम संस्कार करने की दी सहमति

रेलवे के मृतक ठेका श्रमिक की मौत को लेकर रेलवे के कार्यालय के सामने पिछले 15 घंटे से चल रहा धरना समझौते के बाद खत्म हो गया। इस दौरान जहां ठेकेदार ने 2 लाख देने पर सहमति व्यक्त की। वही रेलवे के संबंधित विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों ने भी आपस में एकत्र कर मृतक परिवार की 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद करने की बात कही। कुल मिलाकर समझौता 3 लाख रुपए में हो गया। इससे पूर्व रात भर मृतक परिजन सड़क के किनारे स्थित रेलवे कार्यालय के सामने टेंट लगाकर धरना देते रहे। तथा रात को तमाम जनप्रतिनिधियों के बीच रेलवे अधिकारियों एवं ठेकेदार के नुमाइंदों की उनसे वार्ता चलती रही, तथा अंत में ठेकेदार मात्र 2 लाख देने पर ही राजी हुआ, जिसके बाद स्थानीय रेल अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने मृतक परिवार की 1 लाख रुपए की मदद करने का निर्णय लिया।
विदित रहे कि रेलवे के ठेका श्रमिक राजकुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद मृतक के परिजनों एवं क्षेत्रवासियों द्वारा रेलवे के उक्त मृतक से कार्य स्थल से संबंधित सिग्नल कार्यालय के समक्ष शव रखकर किए जा रहे धरना प्रदर्शन के बाद स्थिति और विकराल हो गई थी। वहां पहुंचे क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हेमंत द्विवेदी, जिला पंचायत सदस्य डॉ मोहन बिष्ट, चेयरमैन लाल चंद्र सिंह, पूर्व चेयरमैन पवन कुमार चौहान, वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत नरूला, कांग्रेसी नेता हेमवती नंदन दुर्गापाल, इमरान खान, सभासद दीपक बत्रा, संजीव शर्मा सहित तमाम क्षेत्रवासी मौजूद थे। इधर आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक, जीआरपी के चौकी प्रभारी सहित सिविल पुलिस कर्मी भी मौके पर मौजूद थे।

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