लंबे समय तक चली चुनाव प्रक्रिया के बाद आखिरकार ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का ऐलान हो गया. इसमें 46 वर्षीय लिज ट्रस प्रधानमंत्री चुनी गईं. भारतीय समय के अनुसार शाम 5 बजे प्रधानमंत्री के नाम की आधिकारिक घोषणा हुई, उन्होंने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को मामूली अंतर से पराजित किया। बता दें कि UK में बोरिस जॉनसन की जगह दक्षिणपंथी लिज ट्रस अब अगली पीएम बनने जा रही हैं.
इसके साथ ही 6 सितंबर यानी मंगलवार को जॉनसन PM हाउस 10 डाउनिंग स्ट्रीट से बतौर प्रधानमंत्री आखिरी भाषण देंगे. इसके बाद महारानी को इस्तीफा सौंपने के लिए स्कॉटलैंड के एबरडीनशायर रवाना होंगे. फिलहाल, क्वीन एलिजाबेथ यहीं हैं. 96 साल की क्वीन को चलने में दिक्कत है, लिहाजा जॉनसन और लिज दोनों उनके पास जाएंगे. आमतौर पर यह काम बर्मिंघम पैलेस में किया जाता है.
जॉनसन जब क्वीन को इस्तीफा सौंप देंगे. इसके बाद लिज क्वीन से मिलेंगी. पारंपरिक रूप से इस मुलाकात को ‘किसिंग हैंड्स’ सेरेमनी कहा जाता है. हालांकि, इस बार क्वीन की खराब सेहत को देखते हुए यह सेरेमनी सिम्बॉलिक यानी प्रतीकात्मक होगी. शपथ ग्रहण समारोह स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कासल में होगा. आधिकारिक नियुक्ति होते ही नए प्रधानमंत्री वापस लंदन आएंगे. यहां 10 डाउनिंग स्ट्रीट से नए प्रधानमंत्री का पहला भाषण होगा. लंदन के समय के मुताबिक शाम करीब 4 बजे भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री नई कैबिनेट की नियुक्ति करेंगे. क्वीन मंत्रियों को जूम कॉल पर शपथ दिलाएंगी. उनके हेड ऑफ द डिपार्टमेंट मंत्रियों को ‘सील या मुहर’ सौंपने की रस्म पूरी करेंगे. नई कैबिनेट की पहली बैठक बुधवार (7 सितंबर) को होगी. इसके बाद प्रधानमंत्री पहली बार सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) पहुंचेंगे।
जानें कौन हैं लिज ट्रस?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी में आगे बताई जा रहीं लिज ट्रस की जिंदगी भी काफी रोचक है। ट्रस इस वक्त ब्रिटेन की विदेश मंत्री हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ीं 47 साल की ट्रस के पिता गणित के प्रोफेसर और मां एक नर्स थीं। लेबर पार्टी समर्थक परिवार से आने वालीं ट्रस ने ऑक्सफोर्ड से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए अकाउंटेंट के रूप में भी काम किया। इसके बाद वह राजनीति में आ गईं। सबसे पहला चुनाव उन्होंने पार्षद का जीता था। परिवार लेबर पार्टी का समर्थक था, लेकिन ट्रस को कंजरवेटिव पार्टी की विचारधारा पसंद आई। ट्रस को राइट विंग का पक्का समर्थक माना जाता है।
2010 में ट्रस पहली बार सांसद चुनी गईं। ट्रस शुरुआत में यूरोपियन यूनियन से अलग होने के मुद्दे खिलाफ थीं। हालांकि, बाद में ब्रेग्जिट के हीरो बनकर उभरे बोरिस जॉनसन के समर्थन में आ गईं। ब्रिटिश मीडिया अक्सर पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थ्रेचर से उनकी तुलना करता है।
42 वर्षीय सुनक ने अपनी हार की घोषणा के तुरंत बाद ट्वीट करके उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें वोट दिया। भारतीय मूल के सुनक ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने पूरे प्रचार अभियान के दौरान कहा कि कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य एक परिवार हैं। यह सही है कि अब हम नयी प्रधानमंत्री लिज ट्रस के पीछे एकजुट हैं, जो देश को कठिन समय में आगे बढ़ाएंगी।’’
चुनाव में 82.6 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें सुनक को 60,399 मत जबकि ट्रस को 81,326 मत मिले। मतदान के लिए कंजरवेटिव पार्टी के कुल 1,72,437 सदस्य पात्र थे, वहीं 654 मत खारिज कर दिए गए।
मार्गरेट थैचर और टेरीजा मे के बाद ट्रस (47) ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी।
सुनक ने रविवार को भी कहा था कि अगर वह कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में हार जाते हैं तो उनका काम अगली सरकार को समर्थन देना होगा।
सुनक ने परिणाम घोषित होने से पहले ‘बीबीसी’ के साथ साक्षात्कार में कहा था कि नेतृत्व के मुकाबले में ट्रस से हार होने पर वह संसद सदस्य के रूप में बने रहने और रिचमंड, यॉर्कशायर के लिए काम करना जारी रखने की योजना बना रहे हैं।