हल्द्वानी, रामपुर रोड, बरेली रोड और नंदौर के स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा (कल) 3 मई से खनन सामग्री लेने इनकार करने के बाद खनन व्यवसायियों ने कल सुबह आपातकालीन बैठक बुलाकर मामले में आंदोलनात्मक रुख करने के लिए सभी वाहन स्वामियों को आमंत्रित किया है, मोटाहल्दू खनन समिति के अध्यक्ष रमेश जोशी ने बताया कि स्टोन क्रेशर स्वामियों द्वारा किए जा रहे तानाशाही पूर्ण रवैया से तंग आकर वाहन स्वामी एवं खनन व्यवसाई कल मंगलवार की प्रातः 10 बजे मोटाहल्दू शिव मंदिर प्रांगण में बैठकर आगामी रणनीति तय करेंगे। उन्होंने कहा कि एक तो पहले से ही वाहन स्वामी नुकसान में काम कर रहे हैं, उसके बाद समय-समय पर क्रेशर संचालकों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे उनमें गहरा असंतोष पनप रहा है, इधर हल्दुचौड़ गेट के अध्यक्ष इंदर सिंह बिष्ट ने कहा कि उनके गेट के खनन व्यवसाई भी कल मोटाहल्दू पहुंचकर आपसी विचार विमर्श करेंगे। उन्होंने क्रेशर संचालकों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
इधर क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट ने कहा कि वह स्टोन क्रेशर संचालकों पर दबाव बनाकर आरबीएम की खरीद करने के लिए उन्हें प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि खनन व्यवसाय में स्टोन क्रेशर संचालक एवं खनन व्यवसाई दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, इसलिए दोनों को एक दूसरे की भावनाओं को समझना होगा। उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से भी वार्ता की है। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि वह भी क्रेशर स्वामियों से बात कर हर हाल में आरबीएम की खरीद-फरोख्त शुरू करवाएंगे।
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी, रामपुर रोड, बरेली रोड और नंदौर के स्टोन क्रेशर संचालकों ने कल 3 मई से खनन सामग्री लेने से इनकार करते हुए नोटिस बोर्ड में नोटिस चस्पा कर दिया है। स्टोन क्रेशर संचालकों के इस निर्णय से खनन व्यवसायियों के समक्ष बेरोजगारी और आर्थिक तंगी का संकट आ पड़ा है।
रामपुर रोड, हल्द्वानी, नंदौर और बरेली रोड क्षेत्र के अधिकांश स्टोन क्रेशर स्वामियों ने अपने नोटिस बोर्ड में नोटिस चस्पा कर 3 मई से खनन सामग्री नहीं लेने का नोटिस चस्पा कर दिया है। स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा अचानक लिए गए इस निर्णय से खनन व्यवसाई जहां पसोपेश में पड़ गए हैं। वहीं उनमें हड़कंप मच गया है। स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार अग्रवाल का कहना है कि मार्केट में रेता बजरी की डिमांड बहुत ही कम हो गई है, तथा उत्तराखंड पुलिस द्वारा ओवरलोड के नाम पर जो वाहन स्वामियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उसके चलते भी दूसरे प्रदेशों से रेता बजरी लेने वाहन बहुत ही कम आ रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा गौला नदी की रॉयल्टी के रेट अत्यधिक करने तथा समतलीकरण की रॉयल्टी के रेट कम होने से भी इस क्षेत्र के स्टोन क्रेशरों को भारी नुकसान हो रहा है, चारों तरफ से गौला नदी से जुड़े स्टोन क्रेशरों को चोट पहुंचने और मंदी का दौर आ जाने से उन्हें अपनी खरीद बंद करनी पड़ रही है। इधर स्टोन क्रेशर संचालकों द्वारा अचानक खरीद बंद कर देने से खनन व्यवसायियों में हड़कंप मचने के साथ-साथ गहरी नाराजगी भी व्याप्त हो गई है, उनका कहना है कि यदि स्टोन क्रेशरों ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो मंगलवार की प्रथम मोटाहल्दू में वह बैठक कर सामूहिक निर्णय के माध्यम से स्टोन क्रेशरों के निर्णय के खिलाफ अपनी रणनीति बनाएंगे।