नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आज दोपहर को सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल -1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है । आदित्य L1 मिशन चंद्रयान 3 मिशन के समान दृष्टिकोण अपनाएगा, यह सबसे पहले पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेगा, और वहां से यह तेजी से आगे बढ़ेगा, यह तब तक आगे जाएगा जब तक की यह अनंतः पृथ्वी और सूर्य के पहले लैंग्रेज बिंदु L1 के आसपास अपनी अंतिम प्रभामंडल कक्षा के पथ पर नहीं आ जाता।
इससे पूर्व चंद्रयान- 13 की सफल लैंडिंग में
देशभर के तमाम जुनूनी विज्ञानियों ने अपनी कड़ी मेहनत से इस मिशन कों सफलता से अंजाम तक पहुंचाया। इस मिशन के शुरुआत दौर यानी लांचिंग के समय में हल्दूचौड़ के जितेश धारियाल भी शामिल रहे। इस उपलब्धि से उनके स्वजन भी अति प्रफुल्लित हैं।
आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 को चंद्रयान- 3 की लांचिंग की गई थी। इस समय जितेश भी मिशन के प्रमुख हिस्सा रहे । जितेश ने नौ जून, 2022 को इसरो ज्वाइन किया था। मैकेनिकल विज्ञानी पद पर हैं। उनका परिवार हल्दूचौड़ क्षेत्र के दुर्गापालपुर मोतीराम क्षेत्र में रहता है। पिता कैलाश चंद्र धारियाल सेंचुरी पेपर मिल से सेवानिवृत हैं। मा गृहणी है। उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा आर्यमान विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ लर्निंग से 93.8 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। एनआइसी कुरुक्षेत्र से बीटेक किया।
उनके पिता कैलाश ने बताया कि बेटा बचपन से ही मेहनत पर विश्वास करता है। कोई भी काम को जुनून से करता रहा है। मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है कि बेटा इसरों में विज्ञानी है और इस मिशन का हिस्सा रहा है।
इधर आज इसरो द्वारा आदित्य एल 1 मिशन लॉन्च करते समय श्रीहरिकोटा में उक्त मिशन की लांचिंग के गवाह जितेश धरियाल भी थे, भले ही वह इस मिशन को लॉन्च करने वाले सदस्यों में नहीं है, परंतु चंद्रयान 3 की लांचिंग में जितेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके लिए पूरे क्षेत्र को उन पर गर्व है, क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोगों ने जितेश के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें अगले मिशन की तैयारी के लिए शुभकामनाएं दी है।