उच्च न्यायालय के आदेशों से वन विभाग के मुखिया बने राजीव भरतरी को बड़ा झटका लगा है, शासन ने बिंदुवार आदेश जारी करते हुए कई विषयों पर उनके अधिकारों पर रोक लगाते हुए सभी नीतिगत निर्णय शासन से अनुमति लेने के बाद ही निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
अब राजीव भरतरी के समक्ष कॉर्बेट पार्क संबंधी कोई भी फाइल प्रस्तुत नहीं होगी, साथ ही ट्रांसफर पोस्टिंग(सभी प्रकार के तबादलों) पर भी उन्हें शासन से पूर्व में अनुमति लेनी होगी, करीब दो पेज के शासन के आदेशों में राजीव भरतरी को निर्देश जारी किए गए है। बताते चले कि राजीव भरतरी भी कॉर्बेट पार्क मामले में चार्ज शीटेड है साथ ही इस माह उनका रिटायरमेंट भी हो रहा है।
विदित रहे कि हाईकोर्ट नैनीताल से आदेश प्राप्त करने के बाद डॉ राजीव भरतरी ने उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक का चार्ज संभालते ही पहले ही दिन वन विभाग में ताबड़तोड़ तबादले कर डाले थे जिन वन क्षेत्र अधिकारियों का उनके द्वारा स्थानांतरण किया गया उनमें…………
• वन क्षेत्राधिकारी नक्षत्र लाल शाह को भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी बनाया गया।
अखिलेश भटको मसूरी वन प्रभाग प्रभाग का चार्ज दिया।
नितिन पंत को वन प्रभाग पिथौरागढ़ की जिम्मेदारी दी गई।
• गोपाल दत्त जोशी को वन प्रभाग अल्मोड़ा
किशोर को नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ।
• मनोज पांडे को वन प्रभाग नैनीताल की जिम्मेदारी मिली।
त्रिलोक सिंह बोरा को वन प्रभाग हल्द्वानी का चार्ज दिया गया।
विजय सिंह नेगी को वन प्रभाग मसूरी की जिम्मेदारी दी गई।
• इसके साथ ही गोविंद सिंह पवार को नरेंद्रनगर वन प्रभाग का मिला चार्ज…….
उत्तराखंड शासन द्वारा उनके अधिकार सीज कर देने के बाद अब उक्त स्थानांतरण प्रक्रिया में भी संकट के बादल घिर गए हैं।