उत्तराखण्ड

लालकुआं, बिंदुखत्ता समेत पूरे कुमाऊं मंडल में घुघुतिया एवं मकर संक्रांति पर्व इस तरह मनाया गया…………………… ऐसी है उत्तरायणी पर्व को मनाने की परंपरा……….…………..

लालकुआं। नगर और बिंदुखत्ता क्षेत्र में उत्तरायणी पर्व घुघुतिया धूमधाम के साथ मनाया गया। साथ ही क्षेत्र के तमाम मंदिरों में खिचड़ी का प्रसाद भी वितरण किया गया।
लालकुआं नगर एवं बिंदुखत्ता क्षेत्र के पर्वतीय परिवारों में उत्तरायणी पर्व श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया, उक्त परिवार द्वारा दिन भर घुघुती बनाने के बाद शाम को उन्हें तला जा रहा है, सुबह यानि घुघुतिया के दूसरे दिन प्रातः सुबह-सुबह कौवों को घुघुती परोसे जाएंगे। इसके अलावा पूड़ी, बड़े, पुवे और खीर आदि जैसे अन्य स्वादिष्ट व्यंजन भी पकाए जा रहे हैं।
उत्तरायणी पर्व के अवसर पर पर्वतीय परिवारों द्वारा प्रातः पूजा अर्चना करने के पश्चात गुड़ के साथ गूंथे हुए आटे से घुघुत तैयार किये गये। जिसमें आटे को अलग-अलग आकार में बनाया गया, और फिर डीप फ्राई किया गया। इसका सबसे आम आकार हिंदी अक्षर 4 जैसा होता है, जबकि डमरु, चरखी, तलवार और अनार के आकार भी बनाये गये। इन सभी व्यंजनों को एक साथ बांधकर माला बनाई गई। मालाओं की संख्या बच्चों की संख्या के बराबर बनाई गई। त्यौहार के अगले दिन, बच्चे सुबह- सुबह माला पहनेगें, और कौवों को खाना खिलाया जायेगा। जो बच्चा सबसे पहले कौवे को खाना खिला पाता है, उसे भाग्यशाली माना जाता है। बचा हुआ खाना बच्चे एवं परिजन खाते हैं।
इधर उत्तरायणी पर्व पर क्षेत्र के तमाम मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों एवं गुरुद्वारा परिसर में खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया।
फोटो परिचय- लालकुआं नगर में उत्तरायणी पर्व पर घुघुती तैयार करते परिवार के लोग

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