खनन व्यवसायियों की जिलाधिकारी कैंप कार्यालय में जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल से हुई वार्ता के दौरान खनन से जुड़े शिष्टमंडल ने बताया कि स्टोन क्रेशर संचालक उन्हें बहुत ही कम भाड़ा देकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। साथ ही उन्हें समतलीकरण के नाम पर आवंटित किए गए खनन पट्टों से भी ओवरलोड का माल मिल रहा है। इसलिए वह गौला खनन के भाड़े में बढ़ोतरी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि खनन व्यवसाईयो ने मजबूरी में अपना कारोबार बंद किया है। क्योंकि उन्हें क्रेशरो द्वारा दिए जा रहे भाड़े से गाड़ियों का किराया व लेबर का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि खनन व्यवसायियों को 35 से 40 रुपये के बीच भाड़ा दिया जाए तभी वह अपना व्यवसाय सुचारू रूप से कर पाएंगे। जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने कहा कि प्रशासन खनन व्यवसायियों की मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। जल्द ही स्टोन क्रेशर संचालकों से वार्ता कर उनके मामले का समाधान निकाला जाएगा। वार्ता के दौरान अपर जिला अधिकारी राजस्व अशोक जोशी, उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह धोनी, खनन व्यवसायियों की ओर से ग्राम प्रधान रमेश जोशी, जीवन कबडवाल, वीरेंद्र दानू, इंदर सिंह बिष्ट, हरीश सुयाल, हेम चंद्र दुर्गापाल, हरीश भट्ट, मनोज मठपाल, अरशद अयूब और पम्मी सैफी सहित कई खनन व्यवसाई शामिल थे।
खनन व्यवसायियों की जिलाधिकारी से हुई वार्ता में कही गई यह बातें
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