देहरादून। अल्मोड़ा के बिनसर जंगल में हुए भीषण अग्निकांड में 4 वन कर्मियों की दर्दनाक मौत मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त फैसला लेते हुए सीसीएफ कुमाऊं को मुख्यालय अटैच, कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को निलंबित कर दिया है। इस घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले जहां वायु सेवा से संपर्क कर बिनसर के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए संपर्क किया, वहीं तत्काल घायलों के बेहतर इलाज के लिए हेली एंबुलेंस की व्यवस्था कर एम्स में बातचीत कर उनके इलाज का प्रबंध कराया और इसके बाद लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीधे तौर पर इन बड़े अफसरों को जिम्मेदार माना है। मुख्यमंत्री ने साफ साफ कहा है कि हम समय समय पर ऐसे मामलो में बड़े अफसरों को मौके पर जाने और कारवाई करने के निर्देश देते है लेकिन लापरवाही बरती गई है।
इधर सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई ने प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी के हवाले से बताया कि कृष्ण कुमार 44 वर्ष फायर वाचर निवासी भेटुली अल्मोड़ा 82 प्रतिशत जले हैं। इनकी स्थिति चिंंताजनक बनी हुई है। उधर कैलाश भट्ट उम्र (45) दैनिक श्रमिक निवासी घनेली अल्मोड़ा 42% प्रतिशत, कुंदन सिंह (42) पीआरडी जवान निवासी खाखरी 40% जबकि भगवत सिंह (36) चालक निवासी भेटुली आयरपानी 50% प्रतिशत जले हैं। इस दौरान अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी भी सुशीला तिवारी पहुंचे। उन्होंने आग से जले चारों लोगों को देखा और सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य से बात की।
मृतकों के परिजनों में मच गया कोहराम
बिनसर में हुई वनाग्नि की घटना में मारे गए कर्मियों के बारे में जब उनके परिजनों को जानकारी मिली तो उनमें कोहराम मच गया। बृहस्पतिवार की सुबह वह रोज की तरह अपनी ड्यूटी के लिए घर से निकले थे। ग्रामीण मृतकों के परिजनों को जैसे तैसे संभाल रहे हैं। जबकि गंभीर रूप से झुलसे कर्मियों के परिजन उन्हें देखने के लिए अल्मोड़ा पहुंच गए हैं।